पटना: बिहार के गया जिले के तत्कालीन एसएसपी रहे आदित्य कुमार (IPS Aditya Kumar) से मंगलवार (12 दिसंबर) को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने लंबी पूछताछ की. सवालों की लिस्ट ने आईपीएस आदित्य कुमार का पसीना छुड़ा दिया. 24 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया था. इसके बाद ईओयू के अधिकारियों ने पूछताछ की. पूछताछ के बाद आदित्य कुमार को न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया.


सात से आठ घंटे तक की गई पूछताछ


हालांकि कई सवालों का जवाब आदित्य कुमार ने अनुसंधान में जुटे अधिकारियों को नहीं दिया. उन्होंने सवालों को भटकाने की लगातार कोशिश भी की. सूत्रों के अनुसार करीब सात से आठ घंटे तक आदित्य कुमार से पूछताछ की गई है. पूछताछ में आदित्य कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए बिहार पुलिस के दो अधिकारियों पर फंसाने का आरोप लगाया है. अब इस एंगल से भी ईओयू के अधिकारी जांच करेंगे.


क्या है आईपीएस आदित्य का मामला?


बता दें कि आईपीएस आदित्य कुमार पर अपने एक केस में अपने एक साथी को पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनवाकर तत्कालीन डीजीपी को कॉल करवाने का आरोप है. मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था. 15 अक्टूबर 2022 को आर्थिक अपराध इकाई ने आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था. ईओयू अब इस मामले की जांच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ईओयू को गिरफ्तारी का आदेश मिला था. इसके बाद आदित्य कुमार ने बीते मंगलवार (05 दिसंबर) को पटना जिला व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था.


आरोप के बाद निलंबित किए गए थे आदित्य कुमार


आरोप लगने के बाद पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस आदित्य कुमार को निलंबित भी कर दिया था. आदित्य कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120 बी, एवं धारा 66 सी, 66 डी और आईटी एक्ट 2000 के तहत केस दर्ज किया गया है. 


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