पटना: बिहार विधानसभा में बुधवार को मद्यनिषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक (शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022) पेश किया गया. उत्पाद एवं मद्यनिषेध मंत्री सुनील कुमार (Sunil Kumar) ने बिल को पेश किया, जिसके बाद सर्वसम्मति से संशोधन विधेयक पारित भी हो गया. इस दौरान सुनील कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में 74 स्पेशल कोर्ट का गठन किया गया. धंधेबाजों पर कार्रवाई के लिए संशोधन विधेयक पेश किया गया है. 1230 पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. अब लोग नहीं कहेंगे की शराबबंदी कानून में पुलिसवालों पर कार्रवाई नहीं होती है.


मंत्री ने सदन में कही ये बात


मंत्री ने कहा कि इस संशोधन के जरिये शराबबंदी को और सख्ती से लागू किया जाएगा. शराबबंदी से समाज में बहुत बदलाव आया है. महिला सबसे ज्यादा खुश हैं. किसी निर्दोष को हम लोग छेड़ेंगे नहीं और दोषी को छोड़ेंगे नहीं. हालांकि, कानून में संशोधन के बाद भी विपक्ष हमलावर है.  


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कांग्रेस (Congress) विधायक दल के नेता अजीत शर्मा (Ajeet Sharma) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से फेल है. संशोधन से कुछ नहीं होगा. जमीन पर यह कानून सफल नहीं है. संशोधन विधेयक पेश कर जनता की आंख में धूल झोंकने का काम नीतीश सरकार कर रही है. शराब माफियाओं से पुलिस अधिकारी मिले रहते हैं. जब तक यह समाप्त नहीं होगा तब तक शराबबंदी सफल नहीं होगी.


वहीं, सीपीआई-एमएल (CPI-ML) विधायक दल के नेता महबूब आलम (Mehboob Alam) ने कहा कि शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक से कोई लाभ नहीं होगा. बिहार में हर तरफ शराब मिलती है. लोग जहरीली शराब पीकर मरते हैं. संशोधन विधेयक पेश कर बिहार सरकार जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. शराब तस्करों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है. शराबबंदी बिहार में शुरू से फेल साबित हो रही है.


इस वजह से सरकार ने लिया फैसला


बता दें कि शराबबंदी कानून को लेकर हो रही फजीहत के बाद नीतीश सरकार नरम होते दिख रही है व इसमें संशोधन की है. आज बिहार विधानसभा में शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 पेश किया गया. नए शराबबंदी कानून में शराब का सेवन करने वालों को छूट दी गई है. शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 में क्या नया है इसकी बात करें तो पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर मजिस्ट्रेट द्वारा जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा.


वहीं, पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल होगी. जबकि बार-बार शराब पीकर पकड़े जाने पर न जुर्माना लिया जायेगा ने एक महीने की जेल होगी. वैसी परिस्थिति में कड़ी कार्रवाई हो सकती है. इस तरह के मामलों में सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी. भारी मात्रा में पुलिस अवैध शराब पकड़ती है तो पुलिस को अधिकार होगा की शराब का सैंपल रखकर बाकी बची शराब नष्ट कर दे. पुलिस को ऐसा करने के लिए कलेक्टर से अनुमति की जरूरत नहीं होगी. 


बिहार सरकार के हाथ होगी कमान


शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 में बिहार सरकार शराब की जब्ती, तलाशी व शराब नष्ट करने का निर्देश जारी करेगी. शराबबंदी कानून संसोधन विधेयक 2022 में दंडनीय सभी अपराध धारा 35 के अधीन अपराधों को छोड़कर सुनवाई विशेष न्यायालय द्वारा की जाएगी. ऐसे मामलों के अधीन गिरफ्तार व्यक्ति अभी भी जेल में है तो उसे रिहा कर दिया जाएगा. उसे छोड़ा तब ही जाएगा अगर वह धारा 37 में उल्लिखित कारावास की अवधि पूरा तक चुका होगा.


बता दें अप्रैल 2016 से राज्य में शराबबंदी है. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार के विभिन्न कोर्ट में इससे संबंधित मामले लंबित हैं. बड़ी संख्या में लोग जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगायी थी इसलिये बिहार सरकार अपनी फजीहत होते देख विभिन्न कोर्ट में लंबित शराब वाले मामले के निपटारे व सुनवाई जल्द हो इसके लिये शराबबंदी कानून संसोधन विधेयक 2022 लायी है.


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