पटना: महावीर मंदिर न्यास समिति की ओर से बिहार के पूर्वी चंपारण स्थित कैथवलिया गांव में विराट रामायण मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. इस मंदिर को विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर के रूप में तैयार किया जा रहा है. मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो चुका है. न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने यह साफ कर दिया कि अयोध्या स्थित राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के छह महीने बाद इस मंदिर का भी निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.


मंदिर में होगा सबसे विशाल शिवलिंग 


आचार्य ने कहा कि ढाई साल में पूरा मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. मंदिर में सबसे आकर्षक शिवलिंग होगा जो दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग होगा. यहां जो शिवलिंग स्थापित होगा वो ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर से सहस्त्रलिंगा शिवलिंग के तर्ज पर तैयार किया जा रहा है, जो आठवीं शताब्दी में बनता था. 1200 साल बाद हम लोग पुरानी प्रथा को जीवित कर रहे हैं. यह शिवलिंग महाबलीपुरम में बन रहा है, जिसकी ऊंचाई 33 फीट होगी और गोलाई भी 33 फीट होगी. इसका वजन 250 मीट्रिक टन होगा. अभी तंजौर में सबसे ऊंचा 27 फीट का शिवलिंग है. लेकिन इस मंदिर में 33 फीट का शिवलिंग होने से ये दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग होगा.


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मुख्य शिवलिंग के साथ ही 108 अन्य शिवलिंग भी स्थापित होंगे. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मंदिर के लिए अब तक एक सौ एकड़ जमीन मिल चुकी है. 20 एकड़ जमीन और मिलनी है. कुल 120 एकड़ जमीन पर दुनिया का सबसे ऊंचा और विशाल मंदिरों में एक विराट रामायण मंदिर का निर्माण होगा, जो 250 साल से ज्यादा टिकाऊ होगा. विराट रामायण मंदिर की ऊंचाई 270 फीट होगी, जो हिन्दू मंदिर के दृष्टिकोण से विश्व में सबसे अधिक ऊंची है.


सोने की मूर्ती की जाएगी स्थापित


इस मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट होगी. इस मंदिर में राम-जानकी और लक्ष्मण की सोने की मूर्तियां स्थापित होंगी, जिसके वजन और लंबाई पर विचार नहीं किया गया है. लेकिन मूर्ती अद्भुत हो इसका ख्याल रखा जाएगा. बता दें कि विराट रामायण मंदिर परिसर के तीन तरफ सड़क है. अयोध्या से जनकपुर तक बन रहा राम-जानकी मार्ग विराट रामायण मंदिर से होकर गुजरेगा. ऐसे में जो भक्त अयोध्या राम मंदिर से जनकपुर की यात्रा करेंगे, उन्हें जनकपुर से पहले बिहार के विराट रामायण मंदिर का भी दर्शन करने को मिल जाएगा.


इसी मार्ग पर केसरिया बौद्ध स्तूप भी अवस्थित है. विराट रामायण मंदिर का स्ट्रक्चरल डिजाइन इस प्रकार होगा कि ढाई सौ साल से अधिक समय तक यह टिका रहेगा. मंदिर के निर्माण में नए संसद भवन के निर्माण में लगे तकनीकी विशेषज्ञों और दक्ष कारीगरों की सेवा ली जा रही है. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि संसद भवन का काम पूरा कर बहुत जल्द ऐसी एक टीम विराट रामायण मंदिर के निर्माण में जुट जाएगी.


भगवान राम ने किया था विश्राम 


रामायण के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जनकपुर से अयोध्या लौटने के क्रम में भगवान राम की बारात देवकी नदी के तट पर जिस स्थान पर एक रात्रि रुकी थी, वहीं विराट रामायण मंदिर का निर्माण हो रहा है. अभी यह नदी विराट रामायण मंदिर स्थल से पश्चिम बहती है.


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