पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) द्वारा आयोजित भीम संसद में मंत्री रत्नेश सदा का अपमान करने की चर्चा जोरों पर है. ऐसे में पूर्व सीएम जीतन नाम मांझी (Jitan Ram Manjhi) इस मुद्दे को उठाकर नीतीश के खिलाफ दलित वोटों को एकजुट करने के प्रयास में है. मांझी नीतीश कुमार को 'स्वाहा' करने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार जी के अच्छे कामों के लिए हमलोग दिल्ली के जंतर मंतर पर 5 दिसंबर को हम अपने पार्टी नेताओं के साथ धरना देंगे. एक हवन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 'नीतीश कुमार स्वाहा' (Nitish Kumar) का मंत्र जपा जाएगा. उन्होंने कहा, 'मेरी सरकार आई तो गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी कानून लाया जाएगा या कानून वापस लिया जाएगा.'


बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भीम संसद का आयोजन किया था, जिसमें दलितों का एक महासम्मेलन बुलाया गया था. अब उसको टक्कर देने के लिए जीतन राम मांझी भी 24 दिसंबर को पटना के मिलर ग्राउंड में दलितों का महासम्मेलन बुला रहे हैं, जिसमें नीतीश कुमार के दलित विरोधी चेहरे को उजागर किया जाएगा. वहीं मंत्री रत्नेश सदा का अपमान करने के मुद्दे को लेकर भी मांझी नीतीश कुमार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों को लेकर भी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, 'विधानसभा के चुनाव का अलग मुद्दा होता है. लोकसभा के चुनाव का अलग मुद्दा होता है .


हमारा मकसद है एनडीए की सरकार बने


जीतन राम मांझी ने कहा, 'रिजल्ट में क्या होगा यह हम नहीं कर सकते कि कौन जीतेगा और कहां किसकी सरकार बनेगी. राज्य का चुनाव और देश का चुनाव में अंतर होता है. राज्य के चुनाव के रिजल्ट से देश के चुनाव पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है क्योंकि देश की जनता के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में कोई नहीं है.' वहीं सीट शेयरिंग पर उन्होंने कहा, 'सीटों का कोई मसला NDA में नहीं है, जितनी सीट हमें दी जाएगी उतनी पर ही हम लोग चुनाव लड़ेंगे. हमारा मकसद सीट ज्यादा और कम लेना नहीं है. हमारा मकसद है एनडीए की सरकार बने.'


गुजरात का कानून लाएंगे या वापस लेंगे शराबबंदी कानून


जीतन राम मांझी ने शनिवार (2 दिसंबर) को बड़ी घोषणा करते हुए कहा, 'बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह असफल है. अगर हमारी (NDA) सरकार आई तो गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी कानून लाया जाएगा या इसे वापस ले लिया जाएगा. शराबबंदी कानून के तहत जितने लोग जेल में बंद हैं, उसमे अधिकांश दलित और गरीब हैं. सरकार ने पकड़े जाने पर जुर्माना देने का प्रावधान किया है, लेकिन प्रतिदिन 400-500 रुपये कमाने वाले 2,000 और 3,000 कहां से देगा. इसी वजह से वह जेल चला जाता है.' उन्होंने कहा, 'बिहार का शराबबंदी कानून कहीं से सही ही नहीं है. जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है. वहां आखिर क्या हो रहा है?'


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