रोहतास: सासाराम न्यायालय ने एक चर्चित मामले में बिक्रमगंज के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह और उनकी पत्नी कुसुम देवी को बुधवार को आजीवन करावास की सजा सुनाई है. मामला बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या दो तेन्दुनी में पांच साल पूर्व हुए हत्या से जुड़ा है. इस मामले में एडीजे तीन सह विशेष न्यायाधीश राजेश कुमार बच्चन की अदालत ने बिक्रमगंज के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह एवं उनकी पत्नी कुसुम देवी को 60-60 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. बिक्रमगंज थाना कांड संख्या 84/2017 में दर्ज उक्त मामले का ट्रायल सत्र वाद संख्या 309/2017 में चल रहा था.
अपर लोक अभियोजक लक्ष्मण सिंह ने बताया की इस मामले की प्राथमिकी विधायक सूर्यदेव सिंह के भतीजा मुन्ना कुमार ने बिक्रमगंज थाना में दर्ज कराई थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पांच साल पूर्व दो अप्रैल 2017 को बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या दो में इस घटना को अंजाम दिया गया था. भूमि विवाद को लेकर पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह ने पत्नी कुसुम देवी के कहने पर अपने सहयोगियों के साथ हथियार से लैस होकर दिन के ग्यारह बजे अपने भतीजा एवं उनके परिवार वालों पर गोलीबारी कर दी. इसमें भाई समेत सात लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए. जबकि साहेला खातून की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी.
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पांच लोग साक्ष्य के अभाव में रिहा
कोर्ट ने उक्त मामले में अन्य पांच नामजद अभियुक्तों बिट्टू सिंह, सत्यनारायण सिंह, संजय सिंह, त्रिशूलधारी एवं राधा किशुन दूबे को साक्ष्य के आभाव में रिहा करने का आदेश जारी किया है. बताते चलें कि अभियुक्त राधा किशन दूबे की ट्रायल के दौरान ही मृत्यु हो गयी थी. जबकि बिक्रमगंज के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह और उनकी पत्नी कुसुम देवी को आजीवन करावास की सजा और हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. बता दें कि सूर्यदेव सिंह बिक्रमगंज विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए थे. सबसे पहले वे 1990 में सीपीआई के टिकट पर विधायक बने थे, इसके बाद दूसरी बार 1995 में जनता दल से चुनाव जीते थे.
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