पटनाः सेना बहाली में जाति और धर्म पूछे जाने को लेकर जेडीयू (JDU) संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से इसपर स्पष्टीकरण मांगा है. मंगलवार को इस मामले में एबीपी न्यूज ने उपेंद्र कुशवाहा से बातचीत की. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने सीधे-सीधे कहा कि इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को या सेना से जुड़े किसी अधिकारी को इसके बारे में बताना चाहिए.


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सेना भर्ती में जाति और धर्म का कॉलम देखने के बाद मुझे भी इसका आश्चर्य हुआ. किसी भी व्यक्ति की जाति जानने की जरूरत तब पड़ती है जब उसके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सरकार विशेष अवसर दे. या उसके आधार पर लोगों को सुविधा मिल रही है, लेकिन सेना में तो ऐसा है नहीं. वहां तो आरक्षण जैसी कोई बात नहीं है तो इस परिस्थिति में जाति जानने का क्या औचित्य हो सकता है? यह बात मुझे समझ नहीं आ रही है. क्या सच और क्यों जाति के बारे में पूछा जा रहा है ये तो संबंधित अधिकारी हैं वो बताएंगे. हमने तो राजनाथ सिंह से भी आग्रह किया है कि इसके बारे में बताना चाहिए.


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उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि देश में कोई भी संस्था है तो वहां सोशल रिफ्लेक्शन होना चाहिए. हमारे समाज में विविधता है. सब लोगों को इसका अहसास होना चाहिए कि हम लोग भी कुछ हैं. फिलहाल सेना में जब आज की तारीख में ऐसी सुविधा है ही नहीं तो भर्ती में जाति पूछने का क्या मतलब है? इसके पीछे क्या मंशा है? जो लोग भर्ती होंगे वो देश की सेवा करेंगे. ऐसे में जाति पूछकर और धर्म पूछकर आखिर क्या दिखाना चाहते हैं? इसका सदुपयोग तो कुछ भी नहीं है. जाति और धर्म जानकर दुरुपयोग तो हो सकता है. इस पर मैं आरोप नहीं लगा रहा, लेकिन आशंका तो हो सकती है.


कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं


सीतामढ़ी में नूपुर शर्मा का वीडियो देखने पर चाकू मारने की घटना को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इसके बारे में उन्हें पूरी जानकारी तो नहीं है, लेकिन जिन लोगों ने भी हमला किया निश्चित रूप से गलत है. हमला नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे देखने का काम प्रशासन का है. कोई व्यक्ति कानून को हाथ में लेकर खुद ही हमलावर हो जाए इसकी इजाजत तो नहीं दी जा सकती है.


तेजस्वी यादव के बयान का दिया जवाब


वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव की ओर से बीते सोमवार को दिए गए बयान पर कि नित्यानंद राय आरजेडी में शामिल होना चाहते थे. बीजेपी में उनका मन नहीं लगता है. इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि दोनों के बीच क्या बात हुई, उन्होंने क्या बात की, लेकिन ऐसा तो होता ही है. चुनाव के समय या ऐसे तो आपस में लोग बात करते ही हैं. हालांकि यह ठीक नहीं है कि जो बात की जाए उसे इस तरह से सार्वजनिक किया जाए. वहीं अंतिम एक सवाल पर कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना है तो क्या आप लोग होंगे? इसपर कहा कि अभी ऐसे सवालों के जवाब के लिए इंतजार करना होगा.  


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