EXCLUSIVE: ABP NEWS से बातचीत के दौरान पूर्व CM जीतन राम मांझी ने खोले कई राज, पढ़ें पूरी खबर
मांझी ने कहा कि गड़े मुर्दे उखाड़ने से कोई फायदा नहीं, बेटे की बात मैं नहीं कह सकता पर जहां तक मेरी बात है मैं मानकर चल रहा कि मैं अब अंतिम पड़ाव में हूँ और अंतिम पड़ाव में जानबूझकर किसी प्रकार का खतरा मोल नहीं लेना चाहता.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एबीपी न्यूज से महागठंबधन छोड़ने से लेकर फिर से नीतीश के साथ आने और कभी ना छोड़ कर जाने की बात की. इस बातचीत में उन्होंने कई खुलासे किए. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी की दरियादिली, लालू के छल, नीतीश की हमदर्दी , राबड़ी देवी के तानों से लेकर तेजस्वी और चिराग के बारे में खुलकर बातें की.
महागठबंधन में डरे हुए रहते थे
मांझी ने कहा, " सीट की कभी बात नहीं हुई थी. मैं जिस कारण से क्वार्डिनेशन कमिटी की बात करता था, आप रघुवंश बाबू की बात याद कीजिए उन्होंने क्या कहा था. उन्होंने कहा था यहां सीटों की बिक्री होती है, पैसा का लेनदेन होता है. तो वो स्पष्टवादी थे इसलिए बोल दिए, हम डरे हुए थे इसलिए नहीं बोलते थे. लेकिन अंदर से ही हमारा यही मानना था कि ये अंतिम समय में इसलिए सीटों का डिक्लियरेशन करते हैं क्योंकि डिक्लियरेशन से पहले ये अपना सारा सौदा कर लिए होते हैं और जो बाकी बचा हुआ होता है तब होता है. इसलिए हम क्वार्डिनेशन कमिटी बनाने की बात करते थे."
सीएम नीतीश ने खुद कहा होता तो दो मिनट में दे देता इस्तीफा
मांझी ने कहा, " मेरे समझ से कुछ बात नहीं थी, हम कभी भी पद के पीछे नहीं दौड़े. एक पद के लिए हम दौड़ते रहे वो है कि विधानसभा में किसी न किसी तरह से मेरी उपस्थिति हो और वो लोगों के कृपा से आज तक है, आज सातवें बार मैं चुनाव जीतकर आया हूं, अगर इसबार लड़ते हैं तो आठवीं बार हो जाएगा. इसलिए हम कभी पद की चिंता नहीं किए. पद अपने आप आते गया, नीतीश कुमार ने मुझे अपना विश्वासी समझकर पद दिया और हम काम भी कर रहे थे. कुछ ऐसी बातें बीच में आयी जिसमें हमें लगा कि कहीं न कही नीतीश कुमार जी चीजों को दूसरे रूप में समझ रहे हैं कि हम उनके आकांक्षाओं पर काम नहीं कर रहे हैं, तब उन्होंने खुद से नहीं किसी और से कहवाने का काम किया यहीं पर उनसे हमारी थोड़ी दूरी बढ़ी, अगर उनको मालूम हुआ कि हम बहुत खराब कर रहे हैं या उनको खुद मुख्यमंत्री बनना था तो हमको जरा सा इशारा दे देते हम मिनट भी नहीं लगाते."
असली पल्टीमार हैं लालू यादव
मांझी ने कहा, " हम यहां कहना चाहते हैं कि नीतीश कुमार को दोषी नहीं मानते. यहां भी दोषी हैं लालू प्रसाद यादव. हमको हटाने के लिए राज्यपाल के यहां वो गए, राष्ट्रपति के यहां भी गए, जो खुद को सामाजिक सुधार के पुरोधा कहते थे कि सूअर चराने वाले और चूहा खाने वाले परिवार के आदमी को मुख्यमंत्री बनना चाहिए तो उनको उस समय आपको दोनों हाथ खड़े कर हमारा समर्थन करना चाहिए था.
राबड़ी देवी ने लालू से कहा आप कर रहे हैं पाप
जीतन राम मांझी ने कहा, " हमको अंदरूनी रूप से मालूम है और हम आज भी धन्यवाद देते हैं राबड़ी देवी जी का शायद उन्होंने कहा था लालू जी को की आप पाप करने जा रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद लालू जी ने समर्थन नहीं दिया इसलिए इसमें नीतीश कुमार से ज्यादा तो लालू जी दोषी हैं जो उन्होंने इस तरह की बात की, अगर लालू जी नीतीश का साथ नहीं देते तो हम नहीं हटते. इसलिए असली पलटीमार तो लालू जी हैं और दूसरा कोई है तो वो उदय नारायण चौधरी है, बेनी प्रसाद वर्मा जो यूपी के रहने वाले थे और 33 से 34 विधायक सपा से लालू के साथ चले आये. मुख्यमंत्री तो एक महीने के अंदर सबको हटा देते थे तो मायावती की सरकार नही बचती लेकिन तीन साल तक मामले को अटकाए रखा और चुनाव आने पर मामले का निष्पादन किया, क्या जरूरत थी नीतीश कहे या कोई कहे उसके आधार पर, हमारे 16 विधायक को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया, जिसके चलते हम माइनॉरिटी में आ गए थे.
नरेंद्र के दलित गुलाम हो जांएगे अगर यह काम कर दिए तो
मांझी ने कहा, " बीजेपी के करीब गया उस समय जो परिस्थिति उत्पन्न हुई थी हम एनडीए में रहकर भी बीजेपी के साथ नहीं थे, हम अपने सिंबल पर अपने ढंग से चुनाव लड़ रहे थे और नरेंद्र मोदी किस कारण से इतना ज्यादा सम्मान देते थे तो हम आज भी कहना चाहते हैं. उन्हें जो फीडबैक मिला उन्होंने भले ही कोई काम नहीं किया, हमने पार्लियामेंट के सेशन के दौरान ही और वहां उन्होंने किसी से नहीं मिलकर हमसे मुलाकात की और उस समय हमने उनसे कहा था कि सिड्यूल कास्ट कहता है कि उनके लिए बीजेपी बहुत खराब पार्टी है.''
उन्होंने कहा, ''अगर आप दो-तीन काम कर देंगे तो सभी बीजेपी के हो जाएंगे और हम यही कहकर आए हैं कि हम वहां रहकर अपने लोगों के लिए काम कराएंगे जैसे न्यायपालिका में आरक्षण की बात जो हो गई, प्रमोशन में आरक्षण फिर निजी क्षेत्र में आरक्षण अभी निजी क्षेत्र का दायरा बढ़ रहा है तो अगर ये काम वो करा देते हैं तो सभी आपके गुलाम हो जाएंगे और हर तरह से आपका साथ देगा."
आरजेडी मेरी बात मानता तो तेजस्वी को प्रोमोट करते
मांझी ने कहा, " तेजस्वी बेबाक बोलता था और उसकी चर्चा लोगों में हो रही थी और इधर की बात करें तो अगर क्वार्डिनेशन कमिटी बनती तो हम खुद तेजस्वी को प्रमोट करते मुख्यमंत्री के रूप में लेकिन वहां तो ये हो गया था कि जो आरजेडी ने कह दिया वहीं अंतिम है. जो माने वो माने नहीं तो जाए. ऐसे में इसके सिवा मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था. "
चिराग सीटों के लिए बना रहे दवाब
चिराज की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, " चिराग पासवान अपने स्टैंड पर गलत नहीं क्योंकि सभी चाहते है हम ज्यादा सीट पर लड़े. वो 143 सीट पर लड़ने की बात कर रहे हैं तो इसमें गलत कुछ नहीं है, अल्टीमेटली रिजल्ट क्या होता है ये मायने रखता है और आपने रिजल्ट देख लिया वो नरेंद्र मोदी के समक्ष नतमस्तक हैं तो जो उनका काम था उन्होंने किया अब आगे स्थिति से कोम्प्रोमाईज़ कर रहे हैं. ये तो उनको सोचना चाहिए गठबंधन धर्म के बारे में इसलिए हमने कहा कोई भी सरकार आ जाए उंगली उठेगी ही जब राम राज पर भी उंगली उठी थी तो ये तो नीतीश कुमार हैं."
नीतीश का साथ छोड़ने पर मेरी पत्नी देती थी उलाहना
मांझी ने कहा, " हमारी पत्नी तो आज भी उलाहना देती है कि आज चार गाड़ी जो आपके साथ घूम रहा है ये किसका देन है और जो पैसा मिलता है वो तो सारा तेल में ही खत्म हो जाता तो उनका कहना भी सही है. महीने में एक लाख दो हजार मिलता है जो हम उनके पास ही जमा कर देते हैं. अगर यही नहीं होता तो शायद हम नहीं कर पाते इसलिए वो बोलती है ग्रामीण महिला है, लेकिन सच्चाई बोलती है. इस बात को कई लोगों ने कम्युनिकेट भी कर दिया है, ऐसी बात तब होती है जब किसी से भावनात्मक लगाव हो जाता है, वो जितना हमको प्रतिष्ठा देते हैं शायद ही किसी और को वो देते होंगे.
अंतिम पड़ाव में अब कहीं नहीं जांएगे
मांझी ने कहा, " गड़े मुर्दे उखाड़ने से कोई फायदा नहीं, बेटे की बात मैं नहीं कह सकता पर जहां तक मेरी बात है हम मानकर चल रहे हैं कि हम अब अंतिम पड़ाव में हैं और अंतिम पड़ाव में जानबूझकर किसी प्रकार का खतरा मोल नहीं लेना चाहते. हम अभी सही जगह पर आ गए हैं और जबतक रहेंगे नीतीश कुमार के साथ ही रहेंगे और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का भी संकल्प लिया है."