EXCLUSIVE: नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी का दावा- NDA पूरी तरह इंटेक्ट, समय आने पर सब सुलझ जाएगा
अशोक चौधरी ने कहा कि चिराग पासवान का कोई व्यक्तिगत बयान नहीं आया है. सूत्र के बयान आ रहे हैं या कोई प्रवक्ता कुछ बयान दे रहा है, तो हमलोग उसपर रिएक्ट नहीं करेंगे, जब चिराग खुद बोलेंगे तब हम जवाब देंगे.
पटना: एनडीए के घटक दल जेडीयू और एलजेपी के बीच दलित नेता होने को लेकर चल रहे कोल्ड वॉर के संबंध में एबीपी न्यूज से बात करते हुए बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हमें लगता है कि एनडीए पूरी तरह से इंटेक्ट है और सब चीजें समय पर सुलझ जाएंगी. अगर कोई यह कहे कि मेरा दलित मोनोपोली है, तो ये संभव नहीं है. किसी दलित घर में पैदा होकर ही कोई दलित का नेता नहीं हो सकता है. हम खुद दलित हैं. लेकिन कोई केवल दलित घर में पैदा होने से दलित का नेता नहीं हो सकता. जो दलित के लिए काम करेगा, वही दलित का नेता होगा और नीतीश कुमार ने अपने 15 साल के कार्यकाल में ये साबित किया है.
उन्होंने कहा, "महात्मा गांधी दलित नहीं थे लेकिन समाजिक कुरीति, छुआछूत के खिलाफ पूरे देश में उन्होंने अभियान चलाया और आज महात्मा गांधी को सभी पूजते हैं. आज छुआछूत को खत्म करने का श्रेय महात्मा गांधी को जाता है. 70 साल के आजादी के बाद भी इस देश में लोग बड़ी-बड़ी बातें कहते थे. हम उनके घरों में दिया जलाने चले हैं जिनके घरों में वर्षो से अंधेरा था. लेकिन उनके घरों को रौशन किसने किया? जिसके घरों में बकरी और सुअर पाले जाते हैं जो डोम का काम करते हैं, जो बाथरूम की सफाई से लेकर ताड़ के पेड़ चढ़ते हैं. आज उनके घरों में बिजली किसने पहुंचाया, नीतीश कुमार ने पहुंचाया."
14 वर्षों में 40 गुणा बढ़ा बजट
उन्होंने कहा, " आप लंबे समय तक राजनीति करते रहे, आश्वासन भी देते रहे, वंचित शोषित की बात भी करते रहे. लेकिन किसी के लिए योजनाओं का निर्माण नहीं किया. नीतीश कुमार जब आए तो उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग का निर्माण कराया, 40 करोड़ के बजट को एक हजार करोड़ करने का काम किया. हिंदुस्तान के इतिहास में कोई ऐसा राज्य नहीं, जिसमें 40 गुना दलितों का बजट 14 वर्षों में बढ़ाया हो. ऐसे में नीतीश दलित लीडर हैं या जिसने दलित होकर भी काम नहीं किया वो दलित लीडर हैं ?"
बिना ऑफिसियल बयान के नहीं करेंगे रिएक्ट
अशोक चौधरी ने कहा, " चिराग पासवान का कोई व्यक्तिगत बयान नहीं है और सूत्र के बयान आ रहे हैं या कोई प्रवक्ता कुछ बयान दे रहा है तो हमलोग उसपर रिएक्ट नहीं करेंगे, जब चिराग खुद बोलेंगे तब हम जवाब देंगे. वैसे कौन क्या बोल रहा है उससे हमलोग को कोई फर्क नहीं पड़ता है, हमलोगों को लगता है कि सबकुछ ठीक-ठाक है. जबतक चिराग पासवान का कोई ऑफिसियल बयान नहीं आता तबतक हमलोग रिएक्ट नहीं करेंगे. हमलोगों को लगता सब ठीक है. ये प्रोक्सी वॉर क्या बोलता है, पार्टी का प्रवक्ता क्या बोलते हैं, उससे हमलोग को कोई फर्क नहीं पड़ता है. गठबंधन को लेकर जो भी कहना है, चिराग पासवान खुद आकर कहें तो इसका जवाब दिया जाएगा. "
वर्चुअल रैली पर कोई बहस नहीं
उन्होंने कहा, " वर्चुअल रैली में सबकुछ दिखता है कि किसके पेज पर कितने ऑडियंस आए. जेडीयू लाइव पर कितने लाइक आए, इसपर कुछ बहस नहीं है. बोलने के लिए कोई कुछ भी बोलता है, जहां तक नीतीश जी का सवाल है तो नीतीश कुमार ने अपने 3 घंटे के भाषण में स्पष्ट रूप से उन्होंने हर एक चीज की विस्तार से चर्चा की."
सीएम नीतीश की एनर्जी लेवल काबिल-ए-तारीफ
उन्होंने कहा कि आप ये देखें कि एक व्यक्ति जो लंबे समय तक भारत सरकार में रहा, बिहार सरकार में रहा उसकी क्या एनर्जी लेवल है कि 2 घन्टे 51 मिनट बिना पानी पिए हुए 15 साल के अपनी उपलब्धियों का बखान किया, उसके बाद कोरोना के हेल्थ विभाग के बैठक में भी हिस्सा लिया और उसको भी ढाई घंटे एड्रेस किया. हमारी उतनी क्षमता नहीं, जबकि हम उनसे 18 से 20 वर्ष छोटे हैं, लेकिन हमारी कैपेसिटी नहीं है कि हम उतने देर तक बिना पानी पिए भाषण नहीं दे सकते हैं, जिसके अंदर काम करने का जुनून हो, सेवा का भाव हो और जबतक कोई पैशनेट नहीं होगा अपने काम के प्रति तबतक कोई कैसे ऐसा बोल सकता है."
पढ़ी-लिखी लड़की के साथ कैसा व्यवहार किया
अशोक चौधरी ने कहा, " ये हमेशा एजुकेशन और बेरोजगारी पर बात करते हैं लेकिन यह उनका डबल स्टैंडर्ड है. उनका परिवार पर यह मेंशन करना था कि आपका परिवार जो स्थापित परिवार है, पुराना परिवार है और मुख्यमंत्री का परिवार रहा है और उनके परिवार में आपने शादी की और शादी करने के बाद जो पढ़ी लिखी लड़की थी वो भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से, आपने उनके साथ क्या व्यवहार किया."
करनी और कथनी में है फर्क
उन्होंने कहा, " आप शिक्षा की बात करते हैं और घर में जो शिक्षित महिला ला रहे हैं उसके साथ आपका क्या व्यवहार है ये उन्होंने कम्पेयर किया. आपकी करनी और कथनी में फर्क है, परिवार सिर्फ आपका है, दूसरे के परिवार के प्रति आपका भाव नहीं है, चाहे वो यादव का परिवार हो या पूर्व मुख्यमंत्री का परिवार हो. आपको तो बस अपना परिवार अच्छा लगता है, बांकी किसी का परिवार आपको अच्छा नहीं लगता नीतीश जी का ये कहना था."