Presidential Election 2022: बिहार में जेडीयू राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की कैंडिडेट का समर्थन करेगा. एनडीए (NDA) ने मंगलवार को ही द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का नाम तय किया. इसके बाद से ही यह सवाल उठ रहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आखिर क्या फैसला लेंगे? नीतीश कुमार के अगर पुराने फैसलों पर ध्यान दें तो राष्ट्रपति के पिछले दो चुनावों में उन्होंने गठबंधन से अलग होकर फैसला लिया था. खास बात ये थी कि जिसका भी नीतीश कुमार ने साथ दिया उसकी जीत हो गई. इस बार समीकरण अलग नजर आ रहा है.
एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पास इतने वोट हैं कि उनकी जीत आसान है. उन्हें बीजेडी ओडिशा से भी समर्थन मिल चुका है. आदिवासी होने के कारण और महिला होने के नाते नीतीश कुमार दबाव में हो सकते हैं कि अगर वो समर्थन नहीं करेंगे तो इसका आधार क्या होगा? नीतीश कुमार ये जानते हैं कि अगर वो बीजेपी से अलग होकर फैसला लेंगे और उनका कैंडिडेट हार गया तो उनकी भारी किरकिरी होगी. बीजेपी का उन पर दबाव बढ़ जाएगा और हर तरफ से घिर जाएंगे.
ऐसे में हारती हुई बाजी पर नीतीश कुमार अपनी बाजी नहीं लगाना चाहेंगे. इधर, रही बात विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की तो उनके पक्ष में एक ही बात जाती है कि वो बिहार से हैं और कर्पूरी ठाकुर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रह चुके हैं. इसके अलावा एनडीए की सरकार में वो बतौर मंत्री एक साथ काम कर चुके हैं. ऐसे में जब बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच तल्खी चल रही है तो क्या राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार बड़ा फैसला ले सकते हैं?
इतना आसान नहीं है नीतीश कुमार को समझना
राजनीतिक जानकारों और जेडीयू के सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार फिलहाल हारती हुई बाजी में दांव नहीं लगाना चाहेंगे. अगर वो यशवंत सिन्हा के साथ आते हैं तो यह फिर साफ हो जाएगा कि वह फिर इस बार पाला बदलेंगे और नीतीश कुमार इतनी आसानी से किसी को अपनी चाल नहीं समझने देंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार मजबूरी में ही सही द्रौपदी मुर्मू को ही वोट देंगे. हालांकि अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
बता दें कि यशवंत सिन्हा से नीतीश कुमार का कोई बहुत ज्यादा लगाव या सॉफ्ट कॉर्नर नहीं रहा है जिसको लेकर वो दांव लगाएं. 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ यशवंत सिन्हा ने एक मोर्चा बनाया था और उसमें वो जमकर प्रचार कर रहे थे और हराने की कोशिश में लगे थे. ये भी एक टीस है जो अभी-अभी 2020 में मिली है और कहीं न कहीं यशवंत सिन्हा की हार में यह बात भी सकती है.
राजनीति गलियारे में खबर आ रही है कि एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का नीतीश कुमार समर्थन कर सकते हैं. यशवंत सिन्हा के समर्थन को लेकर अब तक किसी ने उनसे बात नहीं की है, लेकिन द्रौपदी मुर्मू के समर्थन को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह तक बात कर चुके हैं. चिराग पासवान भी अब एनडीए के साथ आ गए हैं. ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव के बहाने फिर से एनडीए को पुराने एनडीए की तरह बनाने की कोशिश होती दिख रही है.
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