जमुई: वैसे तो मोबाइल ऐप सुविधा के लिए होता है लेकिन एक मोबाइल ऐप के फीचर ने बिहार की जमुई पुलिस को परेशान कर दिया. जमुई एसपी और झाझा थानाध्यक्ष के बीच फर्जी कॉल से गलतफहमी की दीवार खड़ी करने की नाकाम कोशिश की गई. संयोग से कथित एसपी से अपशब्द सुनने के बावजूद झाझा थानाध्यक्ष ने एसपी से बात की तब असली मामला सामने आया. इस पूरे मामले का पुलिस ने समय रहते पर्दाफाश कर दिया.


पूरे मामले में शादी टूटने से नाराज युवक की करनी सामने आई है. जानकारी देते हुए जमुई एसपी प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि 20 जुलाई को झाझा थाना के सरकारी मोबाइल नंबर से थाना के ही सरकारी मोबाइल नंबर पर कॉल आया. कॉल रिसीव करने पर अनाप-शनाप और गाली-गलौज करने लगा और फर्जी खबर देने लगा. आवाज की पहचान करने पर पता चला किसी पुलिस पदाधिकारी का फोन नहीं है.


इस संबंध में वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए पता चला की कॉल करने वाला साइबर अपराधी है. उक्त साइबर अपराधी के जरिए बताया गया की झाझा थाना के खलासी मुहल्ले में एक लड़की को थाने में बंद कर दीजिए. यही मेरा डिमांड है. साइबर अपराधी के जरिए इंटरनेट कॉल एवं अन्य ऐप के जरिऐ लड़की वालों, पत्रकार और अन्य को तंग किया जा रहा था.


साइबर अपराधी का पता लगाकर गिरफ्तारी के लिए एक विषेश टीम बनाई गई. जांच के क्रम में पता चला की झाझा थाना क्षेत्र के खलासी मोहल्ले की एक लड़की की शादी अररिया जिले के अशरफ अली के साथ तय हुई थी लेकिन लड़के का आचरण पता लगने पर लड़की वालों ने शादी रद्द करवा दी. पुलिस की विषेश टीम के द्वारा टेक्निकल सर्विलांस एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए उक्त साइबर अपराधी को अररिया से गिरफ्तार कर लिया गया.


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