फराज फातमी ने आरजेडी पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- केवल अल्पसंख्यक वोट चाहिए नेता नहीं
फराज फातमी ने कहा यह एक षडयंत्र के तहत किया गया है. अभी पार्टी के अंदर मुस्लिम लीडरशिप को क्रश करने को लेकर षडयंत्र चल रही है.
पटना: आरजेडी ने रविवार को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाकर केवटी एमएलए फ़राज फातमी समेत पार्टी के 3 एमएलए को पार्टी से निष्कासित कर दिया. ऐसे में अपने निष्कासन से नाराज फराज फातमी जो दिग्गज नेता अली असरफ फातमी के बेटे हैं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और मीडिया में पार्टी की जमकर किरकिरी की.
फराज फातमी ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा, " ये अल्पसंख्यक समुदाय से वोट तो लेना चाहते हैं, पर उनके लीडर को ये तोड़ना चाहते हैं. इसी क्रम में आज उन्होंने मेरा भी नम्बर लगा दिया है. अब मैं जनता के बीच जाऊंगा और उन्हीं के सलाह पर आगे की रणनीति तैयार करूंगा.
फराज फातमी ने कहा, " जानकारी मिली है कि मुझे आरजेडी ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. लेकिन इस बात का मुझे कुछ दिन पहले ही अंदेशा लग गया था, जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने मुझे पार्टी मेम्बर ही नहीं माना था. उन्होंने तो मुझे उसी दिन निकाल दिया था, अब और कितने बार निकालेंगे."
फराज फातमी ने कहा, "मेरे अब्बू जिन्होंने 30 साल तक पार्टी की सेवा की, जब उनकी टिकट पैसे के नाम पर किसी दूसरे को दे दी गई, तो जिस दिन मेरे अब्बू को पार्टी से निकाला गया समझिए उसी दिन मुझे भी निकाल दिया गया था. यह एक षडयंत्र के तहत किया गया है. अभी पार्टी के अंदर मुस्लिम लीडरशिप को क्रश करने को लेकर षडयंत्र चल रही है."
उन्होंने कहा, " पिछले लोकसभा चुनाव में आप देख सकते हैं कि किस तरह से कई उम्मीदवार खड़े किए गए, लेकिन इनके लड़के पर कोई एक्शन नहीं लिया गया, तो फिर आज हमपर क्यों कार्रवाई किया जा रही है. इन्होंने शकील साहब और फातमी साहब का टिकट काट दिया. इसका क्या मतलब है?"
मालूम हो कि रविवार को आरजेडी ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें प्रदेश प्राधन महासचिव आलोक मेहता ने बताया कि गायघाट के विधायक महेश्वर यादव, केवटी के विधायक फराज फातमी और वैशाली के पातेपुर की विधायिका प्रेमा चौधरी को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है.