पटना: लगभग एक साल से जारी किसान अंदोलन के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बीते साल लागू किए गए तीनों कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की है. अब प्रधानमंत्री की इस घोषणा पर अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है. इसी क्रम में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है. वहीं, किसानों को बधाई दी है.


लालू यादव ने ट्वीट कर कही ये बात


लालू यादव ने ट्वीट कर कहा, " विश्व के सबसे लंबे, शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई. यह किसानों, मजदूरों, गरीबों और मेहनतकश लोगों की जीत है. यह लोकतंत्र, संविधान और देश की जीत है. पूंजीपरस्त, अहंकारी सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आढ़तिए, मुट्ठी भर लोग, देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया. लेकिन देश संयम, शालीनता और सहिष्णुता के साथ-साथ विवेकपूर्ण, लोकतांत्रिक और समावेशी निर्णयों से चलता है ना कि पहलवानी से. बहुमत में अहंकार नहीं बल्कि विनम्रता होनी चाहिए."


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इन मुद्दों के खिलाफ जारी रहेगी जंग 


इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि यह किसान की जीत है, देश की जीत है. यह पूंजीपतियों, उनके रखवालों, नीतीश-बीजेपी सरकार और उनके अहंकार की हार है. विश्व के सबसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक किसान आंदोलन ने पूंजी परस्त सरकार को झुकने पर मजबूर किया. आंदोलनजीवियों ने दिखाया कि एकता में शक्ति है. यह सबों की सामूहिक जीत है. बिहार और देश में व्याप्त बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी.


सत्य और किसानों की जीत हुई


उन्होंने कहा, " भाजपाई उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़ रहे हैं. पिछले साल 26 नवंबर से किसान आंदोलनरत थे. बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के तुरंत पश्चात किसान हित में हम किसानों के समर्थन में सड़कों पर थे.  इसी दिन किसान विरोधी नीतीश-भाजपा ने गांधी मैदान में इन कृषि कानूनों का विरोध और किसानों का समर्थन करने पर मुझ सहित हमारे अनेक वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया. आखिरकार सत्य और किसानों की जीत हुई."



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