पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को तीनों कृषि कानून को वापस लेने का एलान किया. उनके इस एलान के बाद भी पक्ष-विपक्ष की जुबानी जंग जारी है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का नाम लिए बगैर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rizwan) ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में था, लेकिन उन्हें जब यह पसंद नहीं था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे वापस ले लिया. मगर अब भी जो लोग ये कह रहे हैं कि संसद से जब यह कानून रद्द होगा तब जाकर धरना खत्म करेंगे, ऐसे लोग देश विरोधी हैं.


दरअसल, दानिश रिजवान का निशाना राकेश टिकैत पर था. शुक्रवार को पीएम मोदी के एलान के तुरंत बाद राकेश टिकैत ने कू करके कहा, ''आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.'' राकेश टिकैत की इन्हीं बातों को लेकर दानिश ने हमला बोला है.  


यह भी पढ़ें- बिहार में सरकारी स्कूल पर बढ़ा लोगों का भरोसा, रिपोर्ट में खुलासा, पढ़ें शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने क्या कहा 


प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागतः दानिश रिजवान


दानिश रिजवान ने आगे कहा कि जो लोग देश के साथ खड़े नहीं हैं, देश के आवाम के साथ खड़े नहीं हैं, चुनी हुई सरकार के साथ खड़े नहीं हैं, वो लोग अगर ये कहते हैं कि हमें किसान की चिंता है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह फैसला निसंदेह राष्ट्रहित में है और इस फैसले का हम स्वागत करते हैं.


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में पिछले करीब एक साल से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा कर दी. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि पांच दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है. उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार की तरफ से उठाए कदमों पर भी चर्चा की. 



यह भी पढ़ें- Farm Laws Repeal: CM नीतीश के मंत्री का दावा- कृषि कानून का होगा 'पुनर्जन्म', किसानों को समझाने में सफल होंगे PM मोदी