पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने तीनों नए कृषि कानून को रद्द करने का एलान कर दिया है. इसको लेकर विपक्ष के तमाम नेताओं का लगातार बयान जारी है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अगर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है तो इससे एक संदेश गया है कि एक जीवंत आंदोलन सरकार के फैसले को पलट देता है. इससे एक और संदेश जाता है कि आप पार्लियामेंट से कुछ भी पास करा लेंगे और जनमानस उसे स्वीकार कर लेगा ऐसा नहीं है, ये आगे के लिए संदेश है.


उधर, कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने कहा, “यह तो काला कानून था ही, एक वर्ष तक किसान आंदोलन कर रहे थे. हमारे नेता राहुल गांधी भी पंजाब में पदयात्रा के माध्यम से इस कानून का विरोध कर रहे थे. आज ये जीत किसान भाइयों और हमारे नेता राहुल गांधी की है. ये काला कानून कोई भी लाएगा किसानों के खिलाफ तो उसे वापस लेना ही होगा. क्योंकि इस कानून की जरूरत नहीं है.”


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कानून वापस लेना पड़ा क्योंकि ये गलत था: अजीत


अजीत शर्मा ने कहा कि मैं खुद को गौरवांवित महसूस करता हूं कि आंदोलन के आगे आज सरकार को झुकना पड़ा. उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि कभी भी भविष्य में ऐसा कानून आए तो आंदोलन करें, कांग्रेस आपके साथ रहेगी, राहुल गांधी आपके साथ रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को क्या समझाना वो तो हमारे अन्नदाता हैं. कानून वापस लेना पड़ा क्योंकि ये कानून गलत था.


कांग्रेस नेता ने कहा कि जब भी चुनाव आता है तो ऐसा ही काम किया जाता है. किसान भाइयों के एक वर्ष के आंदोलन का जरा भी ध्यान नहीं रहा और जब देखा कि यूपी में चुनाव आया है तो उन्हें इसका ध्यान आया है. प्रधानमंत्री जनता की ताकत पर वहां बैठे हैं, उन्हें इसे याद रखना होगा.



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