समस्तीपुरः बिहार के समस्तीपुर में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. अस्पताल में हुई मौत के बाद एक शव बीते 18 घंटे से अंतिम संस्कार के लिए इसलिए रखा गया है क्योंकि उसका बेटा पुलिस की हिरासत में है. इस बात की जानकारी पुलिस के आलाधिकारियों को दी गई लेकिन कोई पहल नहीं हुई.


घटना के संबंध में बताया जाता है कि बुधवार की रात पीएचजी इंजीनियर मदन राम को दिल का दौरा पड़ा. इसके बाद परिजनों ने उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया. यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया. परिजन और डॉक्टरों के बीच नोकझोंक होने लगी.


डॉक्टर और परिजन लगा रहे मारपीट का आरोप


परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. वहीं डॉक्टर ने भी परिजनों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए मृतक मदन राम के बेटे को पुलिस के हवाले कर दिया. इधर, इंजीनियर का शव 18 घंटे से घर में पड़ा है. वहीं बूढ़ी मां मृत बेटे के पास बदहवास अपने पोते के इंतजार में है.


परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए एकलौते बेटे को पुलिस से छुड़ाने के लिए अधिकारियों तक का दरवाजा खटखटाया. जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि मामले की जांच पुलिस कर रही है. विशेष एसपी ही पूरे मामले की जानकारी देंगे. इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो से मोबाइल पर संपर्क कर इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि परिजनों का सदर अस्पताल में हंगामा करना गलत है. लड़के को सीआरपीसी एक्ट के तहत 41 का लाभ देते हुए अंतिम संस्कार के लिए छोड़ा जाएगा. उसके बाद करवाई की जाएगी. अगर उसे हिरासत में नहीं लिया जाता तो डॉक्टर हड़ताल पर चले जाते और इस समय पूरे जिले में दो सौ लोग वेंटिलेटर के सपोर्ट पर हैं उन्हें कौन देखता.  


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