अरवल: शहर में महानवमी (Mahanavami Mela 2022) के दिन लोगों में मेला देखने की धूम के बीच एक घटना घट गई. मेले में लगे फूड स्टॉल का खाना खाने से 15 लोग फूड प्वॉजनिंग के शिकार हो गए. मंगलवार देर रात तबीयत बिगड़ने के बाद ग्रामीणों ने उनको सदर अस्पताल (Alwar Sadar Hospital) में भर्ती कराया. वहां इलाज के दौरान ही दो लोगों की मौत भी हो गई. मामला करपी थाना क्षेत्र अंतर्गत रोहाई गांव का है. लोगों में नौ छोटे बच्चे भी फूड प्वॉजनिंग का शिकार हुए हैं. सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा.


फूड प्वाइजनिंग से दो लोगों की मौत


इलाज के दौरान इटावा गांव निवासी बाबूलाल भीम और उसके पुत्र गौतम कुमार की फूड प्वाइजनिंग से मौत हो गई. मौत से परिवार में कोहराम मच गया. वहीं बीमार सभी बच्चे करपी थाना क्षेत्र के केश्वर बिगहा, बाजीतपुर और बारा गांव के रहने वाले हैं. बच्चे दुर्गा पूजा का मेला घूमने गए थे. इस दौरान किसी ठेले पर मिठाई और ब्रेड खाई जिसके बाद वे लोग मेला घूम कर घर चले गए. अचानक देर रात उनकी तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उनको इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है. 


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क्या बोले सदर अस्पताल के डॉक्टर


बीमार लोगों का इलाज कर रहे सदर अस्पताल के डॉ महेंद्र शर्मा ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग का शिकार होने के बाद सभी लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. मरीजों में नौ छोटे-छोटे बच्चे हैं तो कुछ महिला और पुरुष भी हैं जिनका इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 24 घंटे के अंदर सभी ठीक हो जाएंगे. कहा कि बाजारों में अगर इस तरह से बेकार पड़ी सामग्री का इस्तेमाल खाने पीने वाले चीजों में दुकानदारों के द्वारा किया जाता है तो इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है.


परिजन बोले- खराब सामग्री रखने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई


पीड़ित बच्चों के परिजन अनिरुद्ध दास ने बताया कि बच्चे मेला घूमने गए थे. इस दौरान उन्होंने एक ठेले पर ब्रेड और कुछ मिठाइयां खाईं जिसके बाद घर पहुंचते ही देर रात उल्टी शुरू हो गई. उल्टी होने के बाद बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां से डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया. पीड़ित बच्चों के परिजनों ने कहा कि इस मामले पर जिला प्रशासन को विशेष तौर पर फ़ूड कॉरपोरेशन के द्वारा मामले की जांच कराई जानी चाहिए ताकि आगे इस तरह की घटना ना हो सके. लापरवाह दुकानदारों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो इस तरह की बेकार सामग्री बेचते हैं और लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं.


अस्पताल पर आरोप


बताया गया कि सदर अस्पताल में इटावा गांव निवासी लालबाबू बिंद की फूड प्वाइजनिंग से पहले ही मौत हो गई थी. उसके बाद उनके पुत्र गौतम कुमार की मौत हो गई. सदर अस्पताल के डॉक्टर फूड प्वाइजनिंग से मौत की पुष्टि नहीं कर रहे हैं. अस्पताल उपाधीक्षक का कहना है कि सांस रुकने से उनकी मौत हुई है. अब तक मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और न ही सांस की कोई बीमारी स्पष्ट हो पाई है. फिलहाल अस्पताल के डॉक्टरों की भी लापरवाही सामने आई है.


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