Gopalganj News: गोपालगंज में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा, सरकारी बस स्टैंड मामले में सीओ समेत 4 पर प्राथमिकी
Bihar News: गोपालगंज के राजेंद्र बस स्टैंड की जमीन की फर्जी जमाबंदी मामले में जिलाधिकारी ने अंचल पदाधिकारी, सीओ, राजस्व कर्मचारी और एक भू-माफिया पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. इससे हड़कंप मच गया है.
Gopalganj News: गोपालगंज के राजेंद्र बस स्टैंड की अरबों की कीमत की जमीन की फर्जी जमाबंदी के मामले में जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. जिलाधिकारी मो. मकसूद आलम ने इस मामले में अंचल पदाधिकारी, सीओ, राजस्व कर्मचारी और एक भू-माफिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
जिलाधिकारी ने बताया कि नगर परिषद के राजेंद्र बस स्टैंड की 85 कट्ठा जमीन पर भू-माफिया अजय दूबे ने अंचल कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी जमाबंदी करा ली थी. इसके तहत जमीन पर कब्जा करने का दावा भी किया गया था. डीएम ने सदर अंचल के सीओ गुलाम सरवर, सीआई जटाशंकर प्रसाद और राजस्व कर्मचारी दिनेश चंद्र मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है, जो कि सदर एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज कराया गया है.
विभागीय कार्रवाई के दिए गए निर्देश
डीएम ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. संविदा पर कार्यरत राजस्व कर्मचारी को बर्खास्त करने के लिए एडीएम स्थापना को कहा गया है और उनकी पेंशन रोकने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है. एसडीएम की रिपोर्ट में यह पाया गया कि रिपोर्ट-2 रजिस्टर में छेड़छाड़ की गई थी और फर्जी जमाबंदी का पेज अलग से जोड़ा गया था. एक ही दिन में 40 साल की रसीदें काटी गईं, और बिना स्पॉट वेरिफिकेशन के सीओ ने ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की.
इस कार्रवाई से भू-माफियाओं और अधिकारियों में खलबली मच गई है. हाल के दिनों में डीएम और एसपी की अनुपस्थिति में भू-माफियाओं ने कई जमीनों पर कब्जा किया है, जिसमें अधिकारियों की संलिप्तता की शिकायतें भी मिली हैं.
मामले में डीएम सख्त
डीएम ने बताया कि भू माफिया 1980 में जमीन खरीदने का दावा किया था जबकि भू माफिया का जन्म भी 1980 में हुआ है. इस सभी को देखते हुए इसकी जांच सदर एसडीएम को दी गई. एसडीएम की जांच रिपोर्ट ने जमीन के कब्जे में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि की. जिलाधिकारी ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है और कहा कि यह कार्रवाई न केवल दोषियों के खिलाफ होगी, बल्कि यह अन्य अधिकारियों को भी एक सख्त संदेश देगी कि गलत काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
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