अरवलः कोरोना जांच और वैक्सीनेशन डाटा में फर्जीवाड़े के खुलासे बाद स्वास्थ्य विभाग के महकमे में हड़कंप के बाद अब कार्रवाई शुरू हो गई है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करपी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शशिकांत कुमार के बयान पर दो डाटा ऑपरेटरों के खिलाफ किंजर और करपी थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है. अब जांच के बाद इनपर कार्रवाई हो सकती है.


जानकारी के अनुसार, विनय कुमार एपीएचसी शहर तेलपा और प्रवीण कुमार एपीएचसी किंजर में बतौर डाटा ऑपरेटर नियुक्त किए गए थे. दोनों डाटा ऑपरेटर को स्वास्थ्य विभाग के जरिए चयनित एजेंसी उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रखा गया था. दोनों की कोरोना जांच और वैक्सीनेशन के डाटा एंट्री की जिम्मेदारी थी. अब फर्जीवाड़े को लेकर दोनों डाटा एंट्री ऑपरेटरों प प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.


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क्या है पूरा मामला?


27 अक्टूबर को आरटीपीसीआर जांच में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया था और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का नाम कोरोना जांच दस्तावेज में आया था. इस तरीके के फर्जीवाड़े को लेकर अब कार्रवाई हो रही है.


इधर, मामले को लेकर स्थानीय विधायक महानंद सिंह ने कहा कि इसमें डाटा ऑपरेटर को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. इस मामले में पूरी तरह से सिविल सर्जन, डीपीएम और हेल्थ मैनेजर दोषी हैं. इन सभी पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की आवश्यकता है.



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