बिहारः गया में ब्लैक फंगस का पहला संदिग्ध मरीज मिला, ANMMCH में कराया गया भर्ती
संदिग्ध मरीज गया जिले के मानपुर प्रखंड के अमरा गांव का रहने वाला है जिसकी उम्र 48 वर्ष है. एक सप्ताह से आंख में समस्या थी. निजी क्लीनिक में उसका इलाज हो रहा था. स्थिति में सुधार नहीं हुई तो एएनएमएमसीएच के ब्लैक फंगस वार्ड में भर्ती कराया गया.
गयाः कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच अब लोग ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाईकोसिस का नाम सुनकर परेशान हैं. कई जिलों के बाद अब इस बीमारी ने गया जिले में भी दस्तक दे दी है. शनिवार की शाम गया में ब्लैक फंगस का एक संदिग्ध मामला सामने आया है. जिस मरीज को संदिग्ध पाया गया है उसे एएनएमएमसीएच के ब्लैक फंगस वार्ड में भर्ती कराया गया है.
गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ईएनटी विभाग में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए विशेष तैयारी की गई है. इसके लिए डॉक्टरों की विशेष टीम भी बनाई गई है. अन्य सुविधाओं का ख्याल रखा जा रहा है.
एक सप्ताह से मरीज को आंख में थी समस्या
संदिग्ध मरीज गया जिले के मानपुर प्रखंड के अमरा गांव का रहने वाला है जिसकी उम्र 48 वर्ष है. एक सप्ताह से आंख में समस्या थी. निजी क्लीनिक में उसका इलाज हो रहा था. स्थिति में सुधार नहीं हुई तो एएनएमएमसीएच के ब्लैक फंगस वार्ड में भर्ती कराया गया. जांच में पता चला कि उसे डायबिटीज भी है. उसे पहले से इसकी जानकारी नहीं थी.
ब्लैक फंगस वार्ड के नोडल पदाधिकारी सह ईएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ. आरपी ठाकुर ने बताया कि ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीज कोरोना संक्रमित भी नहीं है. जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं. जांच के बाद ही ब्लैक फंगस की पुष्टि हो पाएगी. डॉक्टरों की विशेष टीम मरीज की देखरेख कर रहे हैं.
गया जिले में अब तक कोरोना से 182 लोगो की मौत हो चुकी है. वहीं अस्पताल में कोरोना के 57 संक्रमित व संदिग्ध मरीज इलाजरत है. ऐसे में जहां एक तरफ लोग कोरोना से ठीक से उबरे भी नहीं कि ब्लैक फंगस ने चिंता बढ़ा दी है.
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