पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों (Bihar Government School) में अब हफ्ते में पांच ही दिन पढ़ाई होगी. सोमवार से शुक्रवार तक बच्चों को बैग लेकर जाना होगा. वहीं शनिवार को बच्‍चे बिना किताबों के आएंगे. यानी सप्ताह में अब एक दिन नो बैग डे (No Bag Day) होगा. शुक्रवार को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित शिक्षा दिवस 2022 समारोह को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि सबसे पहले बिहार से 2007 में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई. इसके बाद 2008 से पूरे देश में आज की तारीख को शिक्षा दिवस के रूप में मनाई जाती है.


इस मौके पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर भी मौजूद रहे. इससे पहले राज्यपाल फागू चौहान और सीएम नीतीश कुमार ने मौलाना आजाद की तस्‍वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. सीएम नीतीश कुमार ने एक एप भी लांच किया. इसके साथ ही पुस्‍तक का विमोचन भी किया. इसी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्कूलों में शनिवार को नो बैग योजना का शुभारंभ भी किया. मुख्यमंत्री ने स्वच्छ विद्यालय पोर्टल का भी शुभारंभ किया. 



देश भर में मनाया जाने लगा शिक्षा दिवस


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सबसे पहले बिहार से मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई. इसके बाद हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया. तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने बात मानी और 2008 से देश भर में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर शिक्षा दिवस मनाया जाने लगा.


इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा बच्चों को पोशाक एवं किताब के लिए भेजी जाने वाली राशि उनके अकाउंट में भेजी गई. साथ ही विद्यालय निरीक्षण एप का भी शुभारंभ किया. बताया गया कि इस वर्ष किसी को शिक्षा विभाग की ओर से मौलाना अबुल कलाम शिक्षा पुरस्कार नहीं दिया जाएगा. शिक्षा विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगा था, लेकिन एक भी आवेदन मानकों पर खरा नहीं पाया गया. शिक्षा दिवस पर श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित मौलाना अबुल कलाम से जुड़ी किताबों के विभिन्न स्टॉलों का नीतीश कुमार ने निरीक्षण भी किया.


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