Mahashivratri 2022: बिहार से पाकिस्तान जाएंगे भोलेनाथ के पांच भक्त, शिवरात्री के अवसर पर कटासराज मंदिर में करेंगे जलाभिषेक
Mahashivratri 2022: हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सती दाह के बाद भगवान शिव के आंख से आंसू के दो बूंद गिरे थे. एक से रुद्राक्ष और दूसरे से कटासराज स्थित सरोवर का निर्माण हुआ. मान्यता मानसरोवर के बराबर है.
![Mahashivratri 2022: बिहार से पाकिस्तान जाएंगे भोलेनाथ के पांच भक्त, शिवरात्री के अवसर पर कटासराज मंदिर में करेंगे जलाभिषेक Five devotees of Bholenath will go to Pakistan from Bihar, will perform Jalabhishek in Katas Raj temple on Shivratri ann Mahashivratri 2022: बिहार से पाकिस्तान जाएंगे भोलेनाथ के पांच भक्त, शिवरात्री के अवसर पर कटासराज मंदिर में करेंगे जलाभिषेक](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/18/2e63f9f7cb337a329f56f8bad76a462a_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Mahashivratri 2022: कहा जाता है जिस तरह भोलेनाथ अनोखे हैं, उसी तरह उनके भक्त भी अनोखे होते हैं. अपने आराध्य की आराधना के लिए वे कुछ भी करने को तैयार दिखते हैं. ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का है, जहां भोलेनाथ के पांच भक्तों ने पाकिस्तान स्थित कटासराज मंदिर जाने का मन बनाया है. श्रद्धालुओं का जत्था 24 फरवरी को मुजफ्फरपुर से पाकिस्तान के लिए रवाना होगा. सभी अमृतसर से सड़क मार्ग से पाकिस्तान जाएंगे और शिवरात्रि के दिन वहां जलाभिषेक करेंगे. इस दौरान वे श्रीराम के पुत्र लव की समाधि स्थल का भी दर्शन और पूजन करेंगे.
क्या है मंदिर से जुड़ी मान्यता
बता दें कि पाकिस्तान स्थित कटासराज शिव मंदिर लाहौर के पास स्थित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सती के शरीर को लेकर जाते वक्त भगवान शंकर के आंखों से आंसू के दो बूंद गिरे थे. उसके एक बूंद से रुद्राक्ष बना तो दूसरी से पाकिस्तान के कटासराज में सरोवर का निर्माण हुआ. इस सरोवर का महत्व कैलाश में स्थित मानसरोवर के समान ही है. वहीं, अन्य कई कथाओं के अनुसार भगवान राम के पुत्र लव की समाधी स्थल भी वहीं स्थित है.
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हर साल जाते हैं 200 श्रद्धालू
जानकारी हो कि भारत से श्रद्धालुओं का एक जत्था 1972 के भारत-पाक समझौता तहत पाकिस्तान जा रहा है, जिसमें मुजफ्फरपुर के भी पांच लोग शामिल हैं. इस समझौते के तहत प्रत्येक वर्ष भारत से दो सौ व्यक्तियों को कटासराज के दर्शन के लिए भारत सरकार अपने खर्च पर पाकिस्तान भेजती है. कटासराज हिंदुओं का बहुत बड़ा तीर्थ स्थल है. इस बार मुजफ्फरपुर से आचार्य डाॅ. चंदन उपाध्याय, अमित कुमार, कृष्ण कुमार प्रभाकर, मनीष कुमार और पवन कुमार मेहता का चयन हुआ है.
शिवरात्रि के दिन करेंगे जलाभिषेक
इस संबंध में डॉ. चंदन ने बताया कि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सती दाह के बाद भगवान शिव के आंख से आंसू के दो बूंद गिरे थे. एक से रुद्राक्ष और दूसरे से कटासराज स्थित सरोवर का निर्माण हुआ. इस सरोवर की मान्यता मानसरोवर के बराबर है. उन्होंने बताया कि वे अपनी टीम के साथ 25 फरवरी को ट्रेन से अमृतसर पहुंचेंगे. 26 को भारत सरकार द्वारा यात्रा के लिए दिशा निर्देश दी जाएगी और 27 फरवरी को वे वाघा बॉर्डर होते हुए पाकिस्तान के लिए रवाना होंगे. 1 मार्च शिवरात्रि के दिन वे वहां जलाभिषेक करेंगे, जिसके बाद 5 मार्च को उधर से वापसी होगी.
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