बिहार के इन चार जिलों में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 8500 लोगों को प्रशासन ने किया रेस्क्यू
राज्य के अन्य जिलों में कहीं बाढ़ की स्थिति नहीं है. भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले मौसम संबंधी पूर्वानुमान पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.
पटना: मॉनसून के शुरुआत में ही नेपाल और उत्तर बिहार में लगातार हुई बारिश की वजह से बिहार के चार जिलों में बाढ़ जैसे हालात उतपन्न हो गए हैं. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से गुरुवार को बताया गया कि पिछले सप्ताह में नेपाल में अवस्थित गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र और बिहार भाग में अत्यधिक वर्षा होने के कारण वाल्मीकिनगर गंडक बराज पर नदी का जलस्त्राव 16 जून को 02.00 बजे दोपहर को 4,12,000 क्यूसेक दर्ज किया गया.
चार जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति
हालांकि, उसके बाद गंडक नदी के जलस्त्राव में कमी होने लगी. लेकिन नदी के जलस्त्राव में हुई बढ़ोतरी के कारण नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई जिसके फलस्वरूप राज्य के चार जिलों पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज और सारण के निचले इलाकों में पानी फैल जाने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है. बाढ़ से इन 04 जिलों के कुल 15 प्रखण्डों के निचले इलाके आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए.
इन प्रखंडों में पश्चिम चम्पारण जिला के 02 प्रखण्ड, यथा बगहा -2 और पिपरासी, पूर्वी चम्पारण जिला के 04 प्रखण्ड, यथा अरेराज, संग्रामपुर, केसरिया और सुगौली, गोपालगंज जिला के 06 प्रखण्ड, यथा गोपालगंज, बैकुण्ठपुर, बरौली, कुचायकोट, मांझा और सिंघवलिया, सारण जिला के 03 प्रखण्ड, यथा पानापुर, तरैया और मकेर शामिल हैं.
8500 लोगों को किया गया रेस्क्यू
जिला प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों के सहयोग से बाढ़ से प्रभावित लगभग 8500 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बाद की स्थिति और लोगों के आवश्यकतानुसार राहत शिविर और सामुदायिक रसोई खोले गए है. बाढ़ से जानोमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.गंडक नदी का जलस्तर घटने से बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. हालांकि, आवागमन को सुलभ बनाने के लिए मौजूदा समय में कुल 27 देशी नावों का परिचालन किया जा रहा है. स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.
राज्य के अन्य जिलों में कहीं बाढ़ की स्थिति नहीं है. भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले मौसम संबंधी पूर्वानुमान पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. वर्षा, वज्रपात आदि से संबंधित किसी प्रकार की चेतावनी प्राप्त होने पर तुरंत सभी जिलों को सूचित किया जाता है और आवश्यक कार्रवाई की जाती है.
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