सुपौलः कोसी तटबंध के अंदर बने सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध का तटबंध टूट जाने से निर्मली सहित कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. इस सुरक्षा बांध के टूटने की वजह से दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी फैल चुका है. गुरुवार की देर रात करीब दो बजे ये तटबंध टूटा. इसके बाद डीएम, एसपी और विभाग के चीफ इंजीनियर कैंप कर रहे हैं. लोग एनएच-57 पर शरण लिए हुए हैं.
बताया जाता है कि कई दिनों से उस जगह पर दबाव बना हुआ था लेकिन जलसंसाधन विभाग ने संज्ञान तक नहीं लिया. बांध के टूटने के बाद जलसंसाधन विभाग पर आरजेडी के पूर्व विधायक यदुवंश यादव ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग ने इसे जान बूझकर तोड़ा है ताकि काम के नाम पर लूट किया जा सके.
ग्रामीणों ने विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप
स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि चार दिन पहले ही श्रमदान से बनाए गए बांध में रिसाव था. इससे स्थानीय पदाधिकारी सहित उच्चाधिकारी को अवगत करा दिया गया था लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया. उसी का नतीजा है कि आज इतनी भयावह स्थिति उत्पन्न हुई है. हजारों की आबादी तबाह हो गई. फसल सहित संपत्ति की क्षति हुई है.
ग्रामीणों ने कहा कि रात के दो बजे से वे लोग एनएच पर हैं. अभी तक कोई अधिकारी देखने तक नहीं आया है. इनके साथ-साथ बच्चों को भी इस स्थिति में सड़क पर रहना पड़ रहा है.
लोगों के लिए हो रही कम्युनिटी किचेन की व्यवस्था
वहीं अधिकारी जल्द हालात सुधरने का दावा कर रहे हैं. सुपौल के डीएम महेंद्र कुमार ने कहा कि स्थानीय लोगों की समस्या को ध्यान में रखकर कम्युनिटी किचेन स्टार्ट किया जा रहा है. सुरक्षा बांध को भी बांधने की कोशिश संबंधित एजेंसी द्वारा किया जा रहा है. जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी.
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