Neha Singh Rathor: लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने एबीपी न्यूज़ से की खुलकर बात, सरकार से खिलाफत पर कही ये बात
Neha Singh Rathore Statement: लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने गुरुवार को कई मुद्दों पर मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा को आगे लेकर जाना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है.
समस्तीपुर: जिले के ताजपुर में गुरुवार की रात आयोजित ऑल इंडिया मुशायरा सह कवि सम्मेलन में शिरकत करने लोक गायिका नेहा सिंह राठौर (Neha Singh Rathor) पहुंची. अपने गीतों के माध्यम से महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी को लेकर सरकार पर व्यंग्य कस समां बांधा. इस दौरान नेहा सिंह राठौर ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. लगातार सरकार को चुनौती देने वाले गाना गाने और उसे लिखने पर डर नहीं लगता है? इस सवाल पर नेहा ने कहा कि डर तो तब लगता जब नियम नहीं मालूम होता. मुझे ये प्रेरणा संविधान से मिलती है. डरने की क्या जरूरत? सरकार भी यही चाहती है कि जनता असल सवालों को भूलकर दरबारी कवियों की फर्जी कविताओं में उलझ कर रह जाए.
'मुझे गाने के साथ-साथ लिखने का शौक शुरू से रहा है'
नेहा सिंह ने कहा कि कभी भी गाना वायरल करने की नियत से नहीं गाया या लिखा. वह सिर्फ जन की आवाज बनना चाहती है. ईमानदारी के साथ अपना काम करती हूं. जो लोग अपनी बात कहने से डरते हैं उनकी बात गाने के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने की कोशिश करती हूं. मुझे गाने के साथ-साथ लिखने का शौक शुरू से रहा है. मैं सामाजिक मुद्दों पर खुद ही गाना लिखती हूं और उन्हें गाती हूं. सिंगर जब खुद का लिखा गाते हैं, तो गाने के स्वर और गहरा जाते हैं. मुझे अच्छा लगता है जब मेरे गाए गानों को सोशल मीडिया पर पसंद किया जाता है. लोग कमेंट करते हैं और शुभकामनाएं देते हैं.
मुझे अपना ही लिखा गाया गाना ज्यादा पसंद होता है- नेहा सिंह
लोक गायिका ने आगे कहा कि वैसे मुझे अपना ही लिखा गाया गाना ज्यादा पसंद होता है. गायन के जरिए अपनी बात कहना, कौन सा गुनाह है? हमें सरकार की नीतियां अच्छी नहीं लगेगी, तो जरूर बोलेंगे. फिर चाहे गाने के जरिए या फिर विरोध-प्रदर्शन करके. ये हमारा मौलिक अधिकार है, जिसे हम कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सरकार से सवाल पूछो और भ्रमित होकर किसी के चक्कर में मत पड़ों. मैं हमेशा सवाल पूछती रही हूं और पूछती रहूंगी. रही बात चुनाव के समय में गाने की तो मैं आपको बता दूं, मेरा गायन हमेशा चालू रहता है. कोरोना के वक्त जागरूकता फैलाने के लिए भी मैंने भोजपुरी में एक गाना गाया था, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी थी.
नेहा ने कहा- राजनीति में आने का कोई मोह नहीं है
नेहा ने आगे कहा कि एक लोकगायिका हूं. भोजपुरी को आगे लेकर जाना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है. देश में बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे काफी गंभीर हैं. वह अपने गानों के माध्यम से यह मुद्दे उठाना चाहती है. भोजपुरी भाषा को आगे लेकर जाना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है. मैं एक लोक गायिका हूं. राजनीति में आने का कोई मोह नहीं है. लोग कहते हैं कि वह सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ ही लिखती है. उनकी जिम्मेदारी है कि सरकार की नाकामियों को गिनाया जाए. सरकार ने जो वादे जनता से किए हैं. इन वादों को पूरा नहीं किया गया. इसलिए वह अपने गानों के माध्यम से सरकार की आलोचना करती है. कोई जीते कोई हारे मुझे क्या मतलब?
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