बिहार कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी का गठन, सवर्ण और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश, लिस्ट देखें
Bihar Congress Political Affairs Committee: कांग्रेस खुद को मजबूत करने में जुट गई. पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में 12 से अधिक सवर्ण जबकि आठ से ज्यादा मुस्लिम नेताओं को जगह दी गई है.
![बिहार कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी का गठन, सवर्ण और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश, लिस्ट देखें Formation of Bihar Congress Political Affairs Committee try to help upper caste Muslim vote bank ann बिहार कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी का गठन, सवर्ण और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश, लिस्ट देखें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/21/900ef64da951faf35e36d34658655f6d1674281024216169_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटना: कांग्रेस ने बिहार के लिए राजनीतिक मामलों की समिति का गठन किया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. 34 सदस्यीय समिति गठित की गई है जिसमें 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हैं. बिहार कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में गौर करने वाली बात यह है कि इसमें सवर्ण, मुस्लिम नेताओं को तरजीह दी गई है. इनकी संख्या सबसे अधिक है.
सवर्णों एवं मुस्लिम नेताओं को तरजीह देकर बिहार में कांग्रेस सवर्ण मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी. बिहार में अपर कास्ट की संख्या करीब 18 प्रतिशत है जबकि मुसलमानों की 15% के आसपास है. पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में 12 से अधिक सवर्ण जबकि आठ से ज्यादा मुस्लिम नेताओं को जगह दी गई है.
— Ajeet Kumar (@iajeetkumar) January 21, 2023
खुद को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस
बिहार में कांग्रेस महागठबंधन में है लेकिन अखिलेश सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस अपने आप को मजबूत करने की कोशिश में लग गई है. संगठन को ताकतवर बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है. जमीन पर पकड़ रखने वाले वरिष्ठ से लेकर युवा नेताओं को तरजीह दी जा रही है साथ में जातीय समीकरण भी साधने की कोशिश हो रही है.
1990 के बाद से बिहार में हाशिए पर पड़ी कांग्रेस ने ज्यादातर आरजेडी के कंधे पर सवार होकर अब तक का सफर तय की है. अब अपने पुराने जनाधार को वापस पाने की मुहिम में पार्टी लग गई है जिसमें जातीय समीकरण को भी तवज्जो दी जा रही है. हो सकता है भविष्य में कांग्रेस अकेला चलो की नीति बिहार में अपना ले क्योंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है. कांग्रेस उन्हें विपक्ष का पीएम उम्मीदवार बता रही है और कह रही है सभी विपक्ष कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट 2024 चुनाव के लिए होंगे.
बिहार में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा जारी है लेकिन महागठबंधन के दल दूरी बनाए हुए हैं. नीतीश कुमार की भी पीएम पद पर नजर है. वह भी विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं. राहुल के नेतृत्व को वह स्वीकार करेंगे इसकी उम्मीद बहुत कम है. 2024 को लेकर कांग्रेस छोड़ महागठबंधन के सभी दल नीतीश को नेता मानने को तैयार हैं.
अखिलेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है जो भूमिहार हैं. विधायक दल के नेता अजीत शर्मा है वह भी भूमिहार हैं. प्रभारी भक्त चरणदास हैं वह दलित है. मंत्री मुरारी गौतम एवं आफाक आलम को बनाया गया है जिसमें एक दलित व एक मुस्लिम है.
लिस्ट में कौन कौन है?
बता दें पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में पार्टी के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार हैं इनको चेयरमैन बनाया गया है. अखिलेश प्रसाद सिंह, अजीत शर्मा, मदन मोहन झा, चंदन बागची, अनिल शर्मा, अवधेश सिंह, विजय शंकर दुबे, श्यामसुंदर धीरज, के कादरी, अशोक राम, कृपानाथ पाठक, समीर सिंह, राजेश कुमार, मनोहर प्रसाद, ए रहमान, शकील उज्जमा, अर्जुन मंडल, प्रमोद कुमार सिंह, डॉक्टर ज्योति, कपिल देव यादव, चंद्रिका प्रसाद यादव, मोहनलाल अग्रवाल और रामायण प्रसाद सिंह इत्यादि नाम शामिल हैं. इसके अलावा 10 विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किए गए हैं, जिनमें मीरा कुमार, तारिक अनवर, शकील अहमद, अफाक आलम, मुरारी प्रसाद गौतम, शकील अहमद खान, मोहम्मद जावेद, रंजीता रंजन, चंदन यादव तौकीर आलम इत्यादि नाम शामिल हैं.
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: जेडीयू को झटका देंगे उपेंद्र कुशवाहा? दिल्ली एम्स में बीजेपी नेताओं ने की मुलाकात, अकटलें शुरू
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)