गया: गया संसदीय क्षेत्र के पूर्व बीजेपी सांसद हरि मांझी ने पूर्व सीएम और हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी के एनडीए में शामिल होने पर तंज कसते हुए कहा कि जीतन राम मांझी के एनडीए में शामिल होने से एनडीए को कोई फायदा मिलने वाला नहीं है. हां जीतन राम मांझी की फैमिली को फायदा जरूर होगा. उन्होंने कहा कि मांझी जब महागठबंधन में गए थे, तो एक बेटे को एमएलसी बनाया. अब जब दाल नहीं गल रही थी, तो वापस फिर एनडीए में शामिल हुए. अब समधी, बेटे और खुद को एडजस्ट करने में लगे हैं.


मांझी समाज उन्हें नहीं मानती नेता


हरि मांझी ने कहा, "जीतन राम मांझी एक जगह से दो बार चुनाव नहीं लड़ते हैं क्योंकि जिस विधानसभा क्षेत्र से वे दोबारा चुनाव लड़े हैं वहां से पराजित हुए हैं. वो खुद को मांझी समाज का नेता कहते हैं, तो एक ही विधानसभा क्षेत्र से जमकर चुनाव लड़ना चाहिए. मांझी समाज खुद जीतन राम मांझी को अपना नेता नहीं मानती है."


मांझी होना चाहते हैं निश्चिंत


उन्होंने कहा, " नीतीश कुमार ने एक सीएम बना दिया तो वो खुद को पूरे बिहार के मुसहर का नेता समझने लगे. लेकिन इनको नेता कौन मानता है? खुद अपनी सीट तो तलाश लें? अब तो पिछले दरवाजे से एमएलसी बन कर 6 साल के लिए निश्चिन्त होना चाह रहे हैं. इसके पहले जीतन राम मांझी ड्रामा कर रहे थे कि ओवैसी और बसपा के साथ जाएंगे. वो नीतीश कुमार के सामने खुद जाकर गिड़गिड़ाए, चुंकि बीजेपी तो इनको आजमा कर देख चुकी है."


पार्टी जो कहेगी करूंगा


इस दौरान हरि मांझी ने खुद को मांझी का सबसे बड़ा नेता बताते हुए पार्टी का जो आदेश होगा मैं वो करूंगा. अगर पार्टी कहती है चुनाव लड़ने तो लड़ूंगा. अगर पार्टी इमामगंज से जीतन राम मांझी को उतारती है और मुझे चुनाव प्रचार के लिए आदेश देगी तो भी मैं करूंगा.


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