पटना: महागठबंधन से अलग होने के बाद आखिरकार पूर्व सीएम और हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने बुधवार को एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया. उन्होंने इस बात की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दी. जीतन राम मांझी ने यह ऐलान करते हुए कहा कि वह बिना किसी शर्त के एक पार्टनर के रूप में एनडीए में शामिल होंगे. उनकी पार्टी हम का जेडीयू में विलय नहीं होगा.
आरजेडी पर साधा निशाना
इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा, "हमने अपने कार्यकर्ताओं का मन टटोला, उसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे." वहीं पीसी के दौरान जीतन राम मांझी ने आरेजडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, "मेरा बेटा संतोष सातवीं या आठवीं पास नहीं है. बिना मांगे उन्होंने मेरे बेटे को एमलसी बनाया. यह दया से नहीं मेरिट से बना है. आरजेडी ने अररिया सीट हमारे कारण जीता था."
एनडीए में हमेशा मिला सम्मान
वहीं एनडीए की तारीफ करते हुए कहा कि एनडीए में मुझे हमेशा सम्मान मिला था. मैं लालू की गलत संगत में फंस गया था. वहां जाने के बाद लगा कि मैं गलत जगह चला आया हूं. वहां भाई-भतीजा और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. उन्होंने कहा कि अभी मैं अपने मन से चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन अगर मुझे चुनाव लड़ाएंगे तो लड़ूंगा.
नीतीश कुमार के संपर्क में थे जीतन राम मांझी
बता दें कि महागठबंधन से किनारा करने के बाद पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी. उसी दिन यह तय हो गया था कि जीतन राम मांझी की नाव एनडीए के किनारे लगेगी. हालांकि उस दिन इस संबंध में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा था कि क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर मुलाकात की गई है. इसे राजनीतिक ना समझें. पार्टी आगे क्या निर्णय लेगी आपको कुछ दिनों में बता दिया जाएगा.
तेजस्वी यादव के रवैये से थे नाराज
मालूम हो कि जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मनमाने रवैये से नाराज होकर किनारा किया है. दरअसल, जीतन राम मांझी महागठबंधन में लगातार कॉर्डिनेशन कमेटी के गठन की मांग कर रहे थे ताकि चुनाव के पहले सीट और सीएम कैंडिडेट को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाए. लेकिन बार-बार कहने और अल्टीमेटम देने के बावजूद तेजस्वी यादव ने उनके बातों पर ध्यान नहीं दिया नतीजतन जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग हो गए.