पूर्व CM मांझी ने नेता प्रतिपक्ष पर साधा निशाना, कहा- तेजस्वी का चरित्र और दिमाग 'ठीक' नहीं
तेजस्वी पर निशाना साधते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि तेजस्वी अभी अपरिपक्व हैं, वो मुद्दा विहीन हो गए हैं. दूसरी बात ये है कि उनको बहुत चोट आई है, वो तो खुद को मुख्यमंत्री मान चुके थे.
पटना: बिहार विधानसभा में 23 मार्च को जो घटना हुई उसपर अब भी विवाद जारी है. विपक्ष के विधायकों की पिटाई से नाराज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, सीएम नीतीश पर हमलावर हैं. इधर, सत्ताधारी दल के नेता सीएम नीतीश के बचाव में उतर गए हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एबीपी न्यूज से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने तेजस्वी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि तेजस्वी का चरित्र और दिमाग ठीक नहीं है.
जनता को गलत मैसेज देना चाहती है विपक्ष
मांझी ने कहा, " मैं 40 साल से राजनीति में हूं और 35 साल से विधानसभा का सदस्य हूँ. लेकिन मंगलवार को जो घटना हुई, ऐसा कभी नहीं हुआ. विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है. वो बस डिस्टर्ब करने और मीडिया में रहने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं. ये जनता को गलत मैसेज देना चाहते हैं कि ये उनके लिए काम कर रहे हैं."
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बिल को लेकर विरोध कर रहे विपक्ष पर निशाना साधते हुए मांझी ने कहा, " उन्हें पहले समझना चाहिए था कि बिल क्या है? उसके बाद वे सवाल या विरोध करते. लेकिन उसका भी एक तरीका होता है. विपक्ष भी सरकार का ही अंग है. उसकी जिम्मेदारी है कि वो सरकार को आईना दिखाए, लेकिन इसके लिए मसल पावर का यूज करने किसी भी तरह से सही नहीं है."
पहले अलग तरह से किया जाता था विरोध
उन्होंने कहा कि पहले विपक्ष अलग तरह से विरोध प्रदर्शन करता था. लेकिन ये तो बात-बात पर बेल में चले आते हैं. मंत्री के हाथ से कागज छीन लेना, सभापति के साथ बदसलूकी करना या फिर नेता विरोधी दल का बेल में आ जाना, ऐसा कभी नहीं हुआ. ये विरोध नहीं, गुंडागर्दी है. लेकिन गुंडागर्दी का सहारा लेकर कोई समाज नहीं बदल सकता. ऐसा करके उन्होंने लोकतंत्र को कलंकित किया है और हम इसकी निंदा करते हैं. मांझी ने कहा कि मेरी विपक्ष से अपील है कि वो अभी भी संभल जाए. हमारे पुराने मंत्रियों, विधायकों और नेताओं ने जो गरिमा कायम रखी है, वो भी उसकी कायम रखें.
तेजस्वी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, " तेजस्वी अभी अपरिपक्व हैं, वो मुद्दा विहीन हो गए हैं. दूसरी बात ये है कि उनको बहुत चोट आई है, वो तो खुद को मुख्यमंत्री मान चुके थे. उनके कार्यकर्ता ट्रांसफर और पोस्टिंग तक की बात करते थे. ऐसे में उन्हें बस यही लग रहा है कि कैसे कितनी जल्दी ये सरकार डिस्टर्ब हो और फिर चुनाव हो या लोग उनके पक्ष में आ जाए. वो कैसे मुख्यमंत्री बन जाएं. वो सिर्फ मुख्यमंत्री बनने की लत में अनापशनाप बात बोल रहे हैं, जबकि इससे उन्हें नुकसान ही होगा."
महिला विधायकों के साथ नहीं हुई बदसलूकी
तेजस्वी यादव की ओर से महिला विधायकों के साथ हुई बदसलूकी पर किए गए ट्वीट्स के संबंध में उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए उन्होंने ये तरीका अपनाया है. न ऐसा किसी ने किया है और ना कोई ऐसा कर सकता है. बल्कि वो ऐसा बोलकर खुद के चरित्र को उजागर कर रहे हैं. मेरे समझ से अगर ऐसी घटना होती भी है, तो लोग उसे उजागर नहीं करते हैं और यहां तो ऐसा हुआ ही नहीं है. लेकिन वो ऐसा कहकर जनमानस में सहानुभूति प्राप्त करना चाहते हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री को लेकर विवादास्पद ट्वीट किए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि ये महा आपत्तिजनक बात है. ये मेरे समझ से परे है. मुझे नहीं लगता कि कोई ठीक दिमाग वाला व्यक्ति ऐसा बोल सकता है.