पटना: पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बुधवार को राज्य में महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. राबड़ी देवी ने ट्वीट कर लिखा कि बिहार में महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़खानी, अपहरण, दहेज के लिए हत्या और प्रताड़ना के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. नीतीश राज में महिला उत्पीड़न और बलात्कार में बिहार नंबर-1 प्रदेश बन चुका है. बदहाल क़ानून व्यवस्था का यह आलम है कि महिला पुलिस अधिकारी तक सुरक्षित नहीं है.


मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का बताया जिम्मेवार


राबड़ी देवी ने लिखा, " मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 अनाथ बच्चियों के साथ सत्ता संरक्षण में जनबलात्कार जैसा जघन्य कांड करवाने वाले और बिहार को बलात्कार में नंबर-1 प्रदेश बनाने वाले मुखिया कह रहे है कि यह मेरा ऐतिहासिक कारनामा याद कीजिएगा."


अपनी शासनकाल याद करें राबड़ी देवी


इधर, राबड़ी देवी के ट्वीट के जेडयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, " राबड़ी जी जिस तरह के सवाल खड़े कर रहीं हैं, शायद उन्हें अपना और अपने पति के कार्यकाल का स्मरण नहीं है. बिहार ने जो उन 15 वर्षो में खौफनाक मंजर देखा है, उसे कोई भूल नहीं सकता. नरसंहार, जातीय हिंसा, फिरौती के लिए अपहरण, हत्याएं, अपराधियों के हाथों आम जनता का जिस तरह से उत्पीड़न हुआ, उससे बिहार कही न कहीं बड़ी छलांग लगा आज देश के मानचित्र पर एक सम्मानजनक पहचान बनाने में सफल हुआ है और निसंदेह ही इसका श्रेय नीतीश कुमार को जाता है."


गुनहगारों को निश्चित तौर पर मिलेगी सजा


उन्होंने कहा, " नीतीश कुमार ने जब यह कहा कि वोट देने समय उनके कार्यों को जरूर याद रखें तो निस्संदेह जो मुजफ्फरपुर की चर्चा वो कर रही हैं, उस मामले में नीतीश कुमार ने स्वयं फैसला लिया, कोर्ट से मोनिटरिंग की बात कही और एक लॉजिकल कन्क्लूजन पर ये पूरा प्रकरण एक तार्किक परिणति पर बढ़ता दिख रहा है. जो भी गुनहगार होगा उसे सजा मिलना तय है. इसलिए अगर वो तुलना करना चाहती हैं खुद के और उनके पतिदेव के कार्यकाल और नीतीश कुमार के कार्यकाल की करें. वो बिहार की जनता के विवेक को छलने का प्रयास कर रहीं हैं लेकिन जनता सबकुछ जानती हैं और उसके हिसाब से ही वोट करेगी."