पटना: जेडीयू छोड़ आरजेडी में शामिल हुए पूर्व मंत्री श्याम रजक पर जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने एबीपी न्यूज संवाददाता प्रकाश कुमार से बातचीत के दौरान श्याम रजक पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे रात के अंधेरे में तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह से मिलते थे. एक बजे रात में लोग सोते रहते थे और यह लोगों से मिलते थे. तो ये पार्टी के विरोध में ही काम कर रहे थे.


जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, " पार्टी से बड़ा कोई नहीं है. पहले पार्टी फिर व्यक्ति. ये पार्टी का हर समय विरोध करने का काम कर रहे थे. उनका कहना है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया. लेकिन उन्हें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बार मंत्री बनाया. हालांकि आने वाले चुनाव में वो जिस घर से आये वहां वापस हो रहे हैं."


संजय सिंह ने कहा, " यहां दलित का कोई मुद्दा नहीं है. ये लोग केवल दलितों का बात उठाते हैं और अपने लिए मरते हैं. वो अपने फायदा के लिए जदयू में आए थे, फिर वापस अपने घर चले गए. हम तो कहेंगे घर में रहें, सुरक्षित रहें कोरोना काल है."


पार्टी में पूर्व मंत्री श्याम रजक के सम्मान के संबंध में कहा, " इनको सम्मान तो इतना मिला कि इन्हें कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया, राष्ट्रीय महासचिव बने पार्टी के उस समय दलित का मुद्दा नहीं आया क्या? इतने दिन मंत्रिमंडल में मलाई खाये और अब इन्हें दलितों की याद आ रही है. नीतीश कुमार ने दलितों के लिए जितना काम किया है ये जहां जा रहे हैं, खुद पता चलेगा कि वहां कितना दलितों के लिए काम हुआ है."


संजय सिंह ने कहा, " नीतीश कुमार ने कभी भी दलितों के खिलाफ काम नहीं किया. अगर वो खिलाफ रहते तो जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री नहीं होते, कई चेहरे हमारे दल में थे पर मुख्यमंत्री ने दलित समुदाय से आने वाले जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया."


चिराग पासवान को लेकर संजय सिंह ने कहा, " हम एनडीए में हैं और हर दल का अपना एजेंडा होता है." हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के जेडीयू से हाथ मिलाने के संबंध में कहा," राजनीति संभावनाओं का खेल है. कोई दरवाजा बंद नहीं रखता है और चार पैर वाले को बांध कर रखा जाता है. दो पैर वाले तो स्वतंत्र है और अगर मांझी जी आते हैं तो उनका स्वागत है."