पटना: बिहार की सियासत में दल बदलने की कवायद चुनाव के बाद भी बदस्तूर जारी है. इसी कड़ी में आरजेडी के पूर्व सांसद सीताराम यादव, पूर्व विधान पार्षद दिलीप कुमार यादव सहित विभिन्न दलों के 21 नेताओं ने बुधवार को बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया. इन नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाने के बाद प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस और आरजेडी के नेतृत्व पर निशाना साधा है.


नेतृत्व विहीन दलों से लोगों का मोहभंग होना स्वाभाविक- भूपेंद्र यादव


दरअसल, भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा है कि अगर आरजेडी, कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता उन्हें छोड़कर बीजेपी के साथ जा रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि उनका अपने नेतृत्व की कार्यशैली पर भरोसा नहीं है. उन्हें भरोसेमंद नेतृत्व चाहिए, जो बीजेपी देश को दे रही है. नीति, नीयत व नेतृत्व विहीन दलों से लोगों का मोहभंग होना स्वाभाविक है.


राजद, कांग्रेस की आंखों पर परिवारवाद का पर्दा


भूपेंद्र यादव सिर्फ़ यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कांग्रेस और आरजेडी पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा, "राजद ने हमेशा वोटबैंक की राजनीति की और उसी वोटबैंक से छलावा किया. कांग्रेस ने भी वोटबैंक की राजनीति की और परिवार के अलावा किसी की तरफ देखा भी नहीं. राजद, कांग्रेस की आंखों पर परिवारवाद का ऐसा पर्दा चढ़ा है कि उन्हें बेटा-बेटी के अलावा कुछ दिखता ही नहीं है."


पूर्व सांसद लालू यादव के थे करीबी


आपको बता दें कि सीताराम यादव सीतामढ़ी से राजद के सांसद रहे हैं और लालू यादव के बेहद करीबी बताए जाते हैं. ऐसे में अब उनका पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाना आरजेडी के लिए एक बड़ा झटका है. हालांकि आपको याद होगा चुनाव से पहले भी आरजेडी के आठ में से पांच विधान परिषद सदस्यों ने आरजेडी की सदस्यता त्याग कर जेडीयू में शामिल हो गए थे.


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