औरंगाबाद: जिले के मदनपुर प्रखंड के विभिन्न गांव में मौत का सिलसिला लगातार जारी है. इस मौत के पीछे का कारण जहरीली शराब का सेवन का बताया जा रहा है. शनिवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार तक हुई कुल मौत का आंकड़ा 19 पहुंच गया है. शनिवार को जहां तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी. वहीं, मंगलवार और बुधवार को 12 लोगों की मौत हो गई. जबकि गुरुवार को भी चार लोगों की मौत की सूचना सामने आई है.
गुरुवार को चौधरी बीघा के 60 वर्षीय नन्हक चौधरी, खिरियावां के 40 वर्षीय अशोक पासवान उर्फ पप्पू पासवान, नोनियाडीह के 25 वर्षीय सुभाष भुईयां और 45 वर्षीय रामभजु रिकियासन की भी मौत की सूचना आई है. सभी मृतक कहीं ना कहीं शराब सेवन के बाद इलाजरत थे. इस संबंध में जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि सही मायने में मौत तो हुई है, लेकिन लोग प्राकृतिक मौत को भी शराब मामले से जोड़कर देख रहे हैं.
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संदिग्ध मौत होने पर निश्चित करा लें पोस्टमार्टम
जिलाधिकारी ने कहा कि अभी तक हुई मौत में 60 वर्ष तक के व्यक्ति भी शामिल है. हो सकता है कि उनकी मौत किसी अन्य कारण से हुई हो. ऐसी स्थिति में ग्रामीणों से अपील है कि यदि मौत संदिग्ध हो या लगे कि शराब से हुई हो तो उसका निश्चित तौर पर पोस्टमार्टम करा लें. ताकि मौत का स्पष्ट कारण पता चल सके. जिलाधिकारी ने 11 मौत की पुष्टि की है, जिसमें चार संदिग्ध मौत भी शामिल है. इनमे से सात लोगों के पोस्टमार्टम कराए गए हैं.
मौत का आंकड़ा छिपाने का आरोप
मदनपुर में हुई मौत को लेकर से राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ी हुई है. बुधवार को रफीगंज विधानसभा से प्रत्याशी रह चुके जिले के वरीय नेता प्रमोद सिंह ने सभी मृतक के परिजनों से मुलाकात की मांग की. साथ ही जिला प्रशासन पर मौत के आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने प्रखंड के किसी भी क्षेत्र में हो रही मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम कराने का आग्रह भी किया है.
जिला प्रशासन और राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार
वही बुधवार की शाम बिहार सरकार में मंत्री रही रेणु कुशवाहा के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार द्वारा मदनपुर के विभिन्न गांव का भ्रमण कर मामले की जानकारी ली गई तथा इन मौत के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
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