सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में गैंगरेप और हत्या के मामले में चार दोषियों को बुधवार को फांसी की सजा सुनाई गई है. एडीजे 6 पोक्सो न्यायाधीश पाठक आलोक कौशिक ने यह फैसला सुनाया है. साथ ही पीड़िता के परिवार को 18.50 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है. कोर्ट के फैसले को पीड़ित परिवार ने न्याय की जीत बताया है. तीन साल पहले 8 अक्टूबर 2019 को दरिंदों ने गैंगरेप और हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था.
एडीजे 6 सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो पाठक आलोक कौशिक की अदालत ने बुधवार को सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन और हत्या के मामले में एक आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. इस दौरान अदालत में लोगों की भीड़ देखी गई. कोर्ट परिसर में बाहर खड़े लोग भी इस मामले में दोषी को क्या सजा मिली यह जानने को बेताब थे. फांसी की सजा के बाद वहां मौजूद सभी लोग खुश हो गए और इसे न्याय की जीत करार दिया.
मृतक के परिजन को मिलेगा मुआवजा
मृतका के परिजन को 18 लाख 50 हजार रुपये की राशि दी जाएगी. यह राशि मृतका के मां-बाप और पति को दी जाएगी. इसके अलावे पीड़ित नाबालिग लड़की को साढ़े आठ लाख रुपये दिए जाएंगे.
घटना के दिन दशहरा का मेला घूमने गया था परिवार
बता दें कि 8 अक्टूबर 2019 को प्रतापपुर का एक परिवार अपने सभी सदस्यों के साथ दशहरा का मेला घूमने गया था. इसी दौरान बीच रास्ते में ही चार बदमाशों ने हथियार का भय दिखाकर सभी को बंधक बना लिया और उनकी पत्नी के साथ गैंगरेप किया. इस दौरान दरिंदों ने एक नाबालिग के साथ भी दुष्कर्म किया. इसका विरोध करने पर अपराधियों ने नाबालिग की विवाहित बड़ी बहन (रेप पीड़िता) को गोली मार दी. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसका इलाज के दौरान मौत हो गया.
स्केच के आधार पर हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि इस मामले की शुरुआती जांच में पुलिस के हाथ खाली थे. इसके बाद पुलिस ने पीड़िता की मदद से अपराधियों के स्केच बनवाए, जिसे जिले के तमाम वाट्सएप ग्रुप में शेयर किया गया. इसके बाद मिले सुराग के आधार पर चारों आरोपियों मो अलीशेर, मो जमाल, मो अयुब और अनमोल यादव को गिरफ्तार किया गया था.
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