बिहारः कोरोना से बंद होने लगी फैक्ट्री तो बनाने लगे PPE किट, आज गांव में ही लोगों को दे रहे रोजगार
गणेश झा ने कहा कि कोरोना के चलते फैक्ट्री बंद के कगार पर आ गई. उनके साथ 15-20 लोग भी जुड़े थे सबकी रोजी-रोटी बंद होने पर आ गई. तो उन्हें पीपीई किट बनाने का पता चला और उन्होंने उन सब लोगों ने मिलकर पीपीई किट बनाने की शुरुआत की.
दरभंगा: कोरोना की इस त्रासदी में एक तरफ जहां मरीज और उनके परिजन परेशान हैं तो दूसरी ओर रोजगार की भी समस्या उत्पन्न हो गई है. हालांकि दरभंगा के रहने वाले गणेश झा ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया है. कोरोना की वजह से बंद होती फैक्ट्री में वे आज पीपीई किट बनाकर खुद के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.
इस संबंध में गणेश झा से एबीपी की टीम ने बात की. गणेश ने बताया कि उन्होंने अपनी गारमेंट्स की फैक्ट्री को बंद कर पीपीई किट की फैक्ट्री खोलने का फैसला किया तो घर वालों ने जमकर विरोध किया. उन्होंने घर वालों की बात नहीं मानी और काम शुरू कर दिया. इस फैक्ट्री में उन्होंने गांव के और भी 20 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है. फैक्ट्री शुरू होने के बाद अब जोरशोर से पीपीई किट का निर्माण कर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है.
बिहार के बड़े अस्पतालों में हो रही पीपीई किट की सप्लाई
गणेश झा और उनकी टीम द्वारा बनाया गई पीपीई किट की सप्लाई आज बिहार के कई बड़े अस्पतालों में हो रही है. इस संकट की घड़ी में वे कम मुनाफा पर ही अपना पीपीई किट बेच रहे हैं. जो जरूरतमंद लोगों के काम आ रहा है वहीं कई लोगों को वह फ्री में इसे उपलब्ध करा रहे है. आज काफी संख्या में पूरे बिहार से किट के ऑर्डर आ रहे है जिसे संसाधनों के अभाव में वह पूरा नहीं कर पा रहे.
पहले फार्मा में काम किया फिर खुद का रोजगार
गणेश ने कहा कि उनकी पढ़ाई- लिखाई दरभंगा से ही हुई है. पहले मेडिकल फार्मा में उन्होंने काम किया तो बाद में खुद अपना बिजनेस करने की इच्छा हुई. 2016 में रेडीमेड गारमेंट यूनिफॉर्म का काम शुरू किया. कोरोना के बाद फैक्ट्री बंद के कगार पर आ गई. उनके साथ 15-20 लोग भी जुड़े थे सबकी रोजी-रोटी बंद होने पर आ गई. तो उन्हें पीपीई किट बनाने का पता चला और उन्होंने उन सब लोगों ने मिलकर पीपीई किट बनाने की शुरुआत की.
ज्यादा ऑर्डर आने से नहीं दे पा रहे सप्लाई
काफी संख्या में पीपीई किट के ऑर्डर आने से वह इसकी सप्लाई नहीं दे पा रहे. लोगों की कमी की समस्या से भी वे जूझ रहे हैं. एक हजार पीस के ऑर्डर पर वह महज तीन से चार सौ पीस तैयार कर पा रहे. गणेश ने कहा कि सरकार से किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पा रही है. सरकार से सहयोग मिले तो और लोगों को रोजगार मिल सकता है.
यह भी पढ़ें-
CM नीतीश ने पत्रकारों के लिए किया बड़ा एलान, कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर दिया ये आदेश
बिहारः तेजस्वी के बाद बीजेपी के मंत्री ने भी दी कोरोना से लड़ने के लिए अपने क्षेत्र को राशि