गया: मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) अपने अजीबो गरीब कारनामे से हमेशा चर्चा में रहा है. यहां तीन साल की बैचलर की डिग्री अगर छह साल में भी मिल जाए तो गनीमत है. मगध विश्वविद्यालय में समय पर परीक्षा (University Exams) नहीं होने से लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटका है. इस इस साल भी यूनिवर्सटी कई वर्षों से लंबित पड़ी परीक्षा लेने के मूड में नहीं दिख रही है. इसके कारण चार से पांच लाख से भी अधिक छात्र–छात्राओं का कैरियर (Student Career) प्रभावित है.
कई परीक्षाएं हैं लंबित
यहां बताना मुश्किल है कि किस पाठ्यक्रम की परीक्षा कब होगी. रिजल्ट कब होगा. यह न तो छात्र बता सकते है और न ही मगध विश्वविद्यालय. लंबित परीक्षा की बात करें तो एमयू में स्नातक पार्ट थ्री का सत्र 2018–21,पार्ट टू का 2019–22, 2020–23 का पार्ट वन, 2021–24 का पार्ट वन तथा स्नातकोत्तर में सत्र 2020–22 व 2021–23 की एक भी परीक्षा नहीं ली गई है. आलम यह है कि 2018 के छात्रों का स्नातक भी क्लियर नहीं हो सका है. वहीं 2 सालों की पीजी कोर्स के लिए चार साल से अधिक लग रहा है.
कुलपति हो गए थे फरार रिजल्ट भी पेंडिंग
मगध विश्वविद्यालय के अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 2018, 2019 सत्र में नामांकित छात्रों का पार्ट वन और टू का रिजल्ट पेंडिंग है. कारण है कि परीक्षा कोवीड के दौरान जल्दबाजी में ओएमआर सीट पर ली गई थी. ओएमआर शीट की जैसे हीं स्कैनिंग शुरू की गई तो कुलपति का विवाद शुरू हो गया. कुलपति पर एसवीयू यूनिट की जांच चल रही है. कुलपति फरार हो गए. अब ओएमआर शीट की स्कैनिंग के लिए नए टेंडर निकाले जाएंगे उसके बाद रिजल्ट घोषित होगा.
प्रभारी कुलपति बोले कर रहे जांच
इस संबंध में प्रभारी कुलपति प्रो जवाहर लाल ने बताया की लंबित परीक्षा लेने की तैयारी की जा रही है. परीक्षा लेने में क्या परेशानी आ रही है आदि को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही. जल्द हीं लंबित परीक्षा ली जाएगी.
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