पटनाः कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने पहल की है. न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह एवं न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक और गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिकाओं की सुनवाई की. इसके बाद राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि अस्पतालों को 24 घंटे निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए एक त्वरित कार्ययोजना अदालत को दी जाए.
दरअसल, जनहित याचिका के बाद पटना हाईकोर्ट ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई थी. बुधवार को कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें बताया गया है कि ऑक्सीजन की कमी और अनियमित आपूर्ति के कारण राजधानी के तीन बड़े अस्पतालों में करीब एक हजार से ज्यादा बेड खाली हैं. ऑक्सीजन की कमी के चलते पीएमसीएच, आइजीआइएमएस और मेदांता का अस्पताल प्रशासन संक्रमितों को भर्ती नहीं कर पा रहा है.
पांच सौ बेड वाले मेदांता अस्पताल को नहीं किया शुरू
कमेटी ने बताया कि पीएमसीएच में 1750 बेड की सुविधा है किंतु उसमें केवल 770 बेडों पर ही कोविड मरीजों को रखा गया है. आइजीआइएमएस के पास 1070 बेड है, लेकिन ढाई सौ बेड पर ही मरीज हैं. पांच सौ बेड वाले मेदांता अस्पताल को आज तक कोरोना मरीजों के लिए शुरू नहीं किया जा सका है.
ऑक्सीजन आपूर्ति में दिक्कत होने पर करें शिकायत
इधर लोगों की समस्या को देखते हुए और बिहार सरकार की तैयारियों पर जवाब से असंतुष्ट कोर्ट ने एक ईमेल आइडी जारी की है जिसपर ऑक्सीजन आपूर्ति में दिक्कत होने अब पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. मेल आईडी है- rgphccovidcomplain@gmail.com. बता दें कि याचिका देने के बाद 23 अप्रैल को पटना हाइकोर्ट ने शिवानी कौशिक बनाम स्वास्थ्य विभाग व यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य की सुनवाई की थी. फिर तीन सद्सयीय जांच कमेटी का गठन करने के लिए पटना हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था.
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