कश्मीर में मारे गए मजदूरों के परिजनों से गिरिराज सिंह ने की मुलाकात, कहा- बदला लेंगे, व्यर्थ नहीं जाएगा बलिदान
गिरिराज सिंह ने कहा कि वे पीएम नरेंद्र मोदी के संवादवाहक के रूप में आतंकी हमले में मारे गए मजदूरों के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे हैं. कश्मीर में जो घटना घटित हुई वह कायरतापूर्ण घटना थी.
अररिया: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री गिरिराज सिंह बुधवार को बिहार के अररिया पहुंचे. यहां उन्होंने बौंसी थाना क्षेत्र के बौंसी दाह महादलित टोला निवासी मृतक राजा कुमार के दादी से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. साथ ही पांच लाख रुपये के अनुग्रह राशि का चेक भी दिया. परिजनों से मिलकर उन्होंने कहा कि यह दुख की घड़ी है. पाकिस्तानी से सांठगांठ कर आतंकियों ने मजदूरों की हत्या की है. लेकिन उनकी इस हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. समय आने पर इसका बदला लिया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आतंकवादी हमले में मारे गए मजदूरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. भारत सरकार इस मामले को लेकर काफी संवेदनशील है. उन्होंने मजदूरों के शव को हवाई जहाज से पटना भेजने की व्यवस्था की. वहीं, बिहार सरकार ने पटना से गांव तक शव को पहुंचाया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री के साथ रहे सांसद प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के कहने पर केंद्रीय मंत्री अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे हैं.
पांच-पांच लाख रुपये का चेक दिया
दाह टोला के बाद केंद्रीय मंत्री नंदनपुर गांव पहुंचे और घायल चुनचुन ऋषिदवे के स्वजनों से मुलाकात की. इसके वे अररिया के बनगांवा पंचायत के खैरूगंज गांव पहुंचे, जहां उन्होंने मृतक जोगेंद्र ऋषिदेव के पार्थक शरीर को श्रद्धांजलि दी और दुख का इजहार किया. साथ ही मृतक के स्वजनों को पांच-पांच लाख रुपये का चेक दिया.
कश्मीर में अमन चैन नहीं टूटने देंगे
गिरिराज सिंह ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवादवाहक के रूप में आतंकी हमले में मारे गए मजदूरों के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे हैं. कश्मीर में जो घटना घटित हुई वह कायरतापूर्ण घटना थी. ये पकिस्तान द्वारा साजिश रची गई थी. ये मजदूर काम करने के लिए कश्मीर गए थे. लेकिन इनकी हत्या कर दी गई है. मगर हम जम्मू-कश्मीर के अमन चैन को कभी टूटने नहीं देंगे.
उन्होंने कहा, " पकिस्तान और आतंकवादियों को यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है कि कश्मीर में शांति बहाल हो, अमन हो, चैन हो. लेकिन हमें दुख इस बात का है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग वाले जो भारत में राजनीतिक करते हैं, उनकी इस घटना पर जुबान नहीं खुल रही है. जिस प्रकार से निर्दोष मजदूरों की हत्या की गई है, वे सभी चुप कैसे बैठ सकते हैं.
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