बेगूसराय: जिले में रविवार को चार दिवसीय दौरे पर केंद्रीय मंत्री सह सांसद गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर मीडिया से बातचीत की. शहरों के नाम बदलने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि आजादी से पहले मुगलों (Mughal) का राज था. मुगलों के द्वारा धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया. नालंदा (Nalanda) जैसे ज्ञान-विज्ञान के केंद्र को तोड़ा गया. खिलजी ने यह सब किया. आज बख्तियारपुर और बेगूसराय (Bakhtiyarpur and Begusarai) जैसे शहरों के नामों की बदलने की जरूरत है. मेरी सरकार अगर बनेगी तो गुलामी के सारे चिन्हों को हटा दिया जाएगा. यह कोई तुष्टिकरण की राजनीति नहीं है क्योंकि यह भारत के बाकि मुसलमान भी मुगल के वंशज नहीं हैं, हमारे ही वंशज हैं.


बिहार में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज है- गिरिराज सिंह


नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. सरकार बदमाशों से घिरी हुई है. रामनवमी दंगे पर मुख्यमंत्री इतने कमजोर हैं कि वोट के लिए बिहार के दंगाइयों को छोड़ रहे हैं और हिंदुओं को फंसा रहे हैं. यह बहुत दिन तक चलने वाला नहीं है. इस पर उनसे आग्रह करूंगा कि दंगाइयों को फंसाये और हिंदुओं पर से झूठा मुकदमा वापस लें.


'नीतीश कुमार मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं'


आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. सपना तो कोई भी देख सकता है. इसके लिए किसी को मना नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता और देश की जनता ने अपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुन लिया है इसलिए प्रधानमंत्री का पद खाली ही नहीं है. बिहार में तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले को जनता कभी माफ नहीं करेगी. बिहार में नालंदा और सासाराम जल रहा था और मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने में लगे हुए थे, उन्हें लगता है कि टोपी पहने बिना वह प्रधानमंत्री बन ही नहीं सकते हैं.


सीएम पर साधा निशाना


बीजेपी नेता कहा कि नीतीश कुमार बगल के राज्य उत्तर प्रदेश में देख सकते हैं. उत्तर प्रदेश में मंदिरों से ही नहीं मस्जिदों से भी लाउडस्पीकर हटा दिया गया है. मजाल है वहां पर कोई दंगा कर दे. वहीं, मंदिरों को तोड़े जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है अब तो मैं यह दूसरी मांग करता हूं कि बिहार में मंदिरों को सरकारीकरण कर दिया गया है लेकिन मुसलमान के मस्जिदों क्यों नहीं किया गया है? बिहार में मंदिरों को स्वतंत्र कर उन्हें अधिकार मिलना चाहिए.


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