नई दिल्ली: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के जेडीयू में शामिल होने और उनके चुनाव लड़ने की संभावना को महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने महाराष्ट्र की जनता के जख्मों पर नमक रगड़ने जैसा करार दिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता ने बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस से मांग की है कि वह मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र को 'बदनाम' करने वाले गुप्तेश्वर पांडे की जेडीयू से उम्मीदवारी का विरोध करें.
सचिन सावंत ने बयान जारी करते हुए कहा, "महाराष्ट्र के नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस बिहार बीजेपी के प्रभारी बन चुके हैं. उन्हीं के दिशानिर्देश पर वहां बीजेपी और जेडीयू चुनाव लड़ने जा रहा है. ऐसे में गुप्तेश्वर पांडे, जिन्होंने मुंबई पुलिस को बदनाम किया, उनकी अवमानना की और महाराष्ट्र को बदनाम किया, उन्हें बीजेपी की सहयोगी जेडीयू अपनी पार्टी में शामिल करवाती है और टिकट दे कर चुनाव लड़ाती है, तो इससे अफसोसजनक बात और कुछ नहीं हो सकती. यह महाराष्ट्र की जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा होगा.
सावंत ने फडणवीस से मांग करते हुए आगे कहा, "हम अपेक्षा करते हैं कि देवेंद्र फडणवीस इसका विरोध करेंगे और महाराष्ट्र की जनता की भावना का सम्मान करेंगे. अगर ऐसा नहीं होता तो महाराष्ट्र की जनता के मन में जो असंख्य सवाल हैं, उसका उन्हें सामना करना पड़ेगा."
आपको याद दिला दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच को लेकर मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस के बीच विवाद हो गया था. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद जांच सीबीआई को सौंपा गया. उस दौरान डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने खुल कर मुंबई पुलिस और मुम्बई महानगरपालिका की आलोचना की थी और खूब चर्चा में रहे. पांडे ने सुशांत की दोस्त रिया चक्रवर्ती को लेकर भी विवादित बयान दिया था.
पिछले दिनों गुप्तेश्वर पांडे ने भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. इसके बाद नीतीश कुमार की मौजूदगी में वह जेडीयू में शामिल हुए. पूरी संभावना है कि गुप्तेश्वर पांडे जेडीयू की टिकट पर बक्सर से बिहार विधानसभा चुनाव या फिर बाल्मीकिनगर से लोकसभा उपचुनाव लड़ें.
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी ने बिहार चुनाव का प्रभारी बनाया है. गुप्तेश्वर पांडे के बहाने महाराष्ट्र कांग्रेस ने फडणवीस को घेरना शुरू कर दिया है. हालांकि देखना होगा कि महाराष्ट्र कांग्रेस की राजनीति के चक्कर में कहीं बिहार में कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन का नुकसान ना हो जाए.