(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Good News: बिहार में 7 नई सड़कों के निर्माण को मिली मंजूरी, देखें किस-किस रूट में मिलेगा फायदा
राज्य सरकार ने राज्य में आवागमन को और त्वरित गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारतमाला-2 में निम्नलिखित नए पथों के निर्माण के प्रस्ताव को शामिल करने के लिए भारत सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया है.
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन के बाद नई सड़कों के निर्माण से संबंधित प्रस्तावों को मंजूदी दे दी है. साथ ही उन्होंने राज्य में सड़क आधारभूत ढांचे के तेजी से सुदृढ़ीकरण पर भी जोर दिया है. सीएम नीतीश कुमार के साथ बैठक के बाद पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने यह जानकारी दी है.
राज्य सरकार ने राज्य में आवागमन को और त्वरित गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारतमाला-2 में निम्नलिखित नए पथों के निर्माण के प्रस्ताव को शामिल करने के लिए भारत सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया है. पढ़ें किस-किस रूट में मिलेगी आवागमन में सुविधा.
मोकामा-मुंगेर फोर लेन पथ: मोकामा से मनोहरपुर होते हुए लखीसराय के दक्षिण से मुंगेर तक ग्रीन फील्ड नए फोर लेन पथ के एलाइनमेंट की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें सरमेरा से मनोहरपुर तक 20 किमी लंबा पथ भी शामिल रहेगा. इस सड़क की कुल लंबाई 92 किमी होगी. इसके बन जाने से राज्य में बक्सर से पटना होते हुए मोकामा-मुंगेर के माध्यम से भागलपुर-मिर्जा चैकी तक फोर लेन पथ की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.
बरौनी-मुजफ्फरपुर फोर लेन पथ: बरौनी-बछवाड़ा-दलसिंह सराय-मुसरी धरारी के रास्ते मुजफ्फरपुर तक वर्तमान पथ के फोर लेन चैड़ीकरण के लिए सहमति प्रदान की गई. साथ ही मुजफ्फरपुर शहर के रिंग रोड के एलाइनमेंट की भी सहमति मिली है. मुजफ्फरपुर-बरौनी पथ को मुजफ्फरपुर-हाजीपुर पथ से 5 किमी लंबे बाईपास पथ से जोड़ा जाएगा. इसी प्रकार मुजफ्फरपुर-बरौनी पथ को मुजफ्फरपुर-दरभंगा ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से 11 किमी लंबे बाईपास पथ से जोड़ा जाएगा. साथ ही मुजफ्फरपुर-बाईपास को ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में 1.6 किमी लंबे पथ से जोड़ा जाएगा. मुजफ्फरपुर शहर में प्रवेश करने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्ग आपस में मुजफ्फरपुर रिंग रोड के माध्यम से जुड़ पाएंगे. मुजफ्फरपुर रिंग रोड की कुल लंबाई लगभग 40 किमी होगी. इसके बन जाने से मुजफ्फरपुर शहर में जाम की समस्या काफी हद तक कम जो जाएगी.
बक्सर-हैदरिया फोर लेन पथ का निर्माण: उत्तर प्रदेश में लखनऊ से हैदरिया तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से बक्सर की सम्पर्कता सुनिश्चित करने के लिए 17 किमी पथांश के फोर लेन के चैड़ीकरण के लिए मार्ग रेखन प्रस्ताव को देखा गया. इस पर भी सहमति व्यक्त की गई है. इसके बन जाने से पटना की दिल्ली तक 4/6 लेन के माध्यम से अतिरिक्त सुलभ सम्पर्कता सुनिश्चित हो सकेगी.
बक्सर-वाराणसी ग्रीन फील्ड फोर लेन पथ: पटना से बक्सर के रास्ते वाराणसी तक सुगम आवागमन के लिए से बक्सर-चैसा-वाराणसी नए फोर लेन पथ के एलाइनमेंट पर सहमति जताई गई. इस एलाइनमेंट का 29 किमी हिस्सा बिहार राज्य में पड़ता है और 62 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है. इसके बन जाने से पटना से वाराणसी तक की दूरी मात्र 225 किमी रह जाएगी, जो पटना-मोहनियां-वाराणसी मार्ग रेखन की तुलना में लगभग 30 किमी कम होगी.
राज्य सरकार द्वारा मार्ग रेखन की सहमति प्रदान होने के फलस्वरूप अब इन सभी सड़कों के डीपीआर को अंतिम रूप दिया जाएगा. मुजफ्फरपुर-मुंगेर पथ में पूर्व से ही पर्याप्त भूमि उपलब्ध है, जबकि मोकामा-मुजफ्फरपुर-बक्सर-हैदरिया एवं बक्सर-वाराणसी पथों में भू-अर्जन की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
नीचे दिए गए प्रस्तावित हाईवे की लिस्ट
1) इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड का चौड़ीकरण: इंडो-नेपाल बॉर्डर 552 किमी लंबा दो लेन पथ वर्तमान में बनाया जा रहा है, जिसमें लगभग दो-तिहाई धनराशि राज्य सरकार की और एक-तिहाई भारत सरकार द्वारा वहन हो रही है. राज्य सरकार ने इस पथ को फोर लेन चैड़ीकरण करने की अनुशंसा की है. इससे राज्य के सात जिलों यथा-पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज के बॉर्डर क्षेत्रों के आर्थिक विकास में बहुमूल्य योगदान मिलेगा.
2) पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे: राजधानी पटना की कोलकाता से सीधी और सुगम यातायात के लिए पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे के निर्माण की अनुशंसा की गई है. यह बिहारशरीफ के दक्षिण होते हुए सिकंदरा-कटोरिया के रास्ते कोलकाता तक जाएगा.
3) बक्सर-अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ राजमार्ग: इसकी कुल लंबाई 165 किमी होगी. इससे दिल्ली से संपर्क स्थापित करने में सुविधा होगी. बक्सर से अरवल तक की सड़क ग्रीन फील्ड होगी. अरवल से जहानाबाद होते हुए बिहारशरीफ तक वर्तमान एनएच-110, फोर लेन चैड़ीकरण का प्रस्ताव है.
4) दलसिंह सराय-सिमरी-बख्तियारपुर फोर लेन पथ: पटना से पूर्णिया की यात्रा में कम से कम समय लगे, इसके लिए दलसिंह सराय से सिमरी-बख्तियारपुर तक लगभग 70 किमी लंबे नए फोर लेन ग्रीन फील्ड पथ निर्माण की अनुशंसा की गई है. इससे पटना-दलसिंह सराय-सिमरी-बख्तियारपुर-सहरसा-मधेपुरा होते हुए पूर्णिया की दूरी कम हो जाएगी.
5) दिघवारा-मशरख-पिपरा कोठी-मोतिहारी-रक्सौल फोर लेन पथ: पटना रिंग रोड पर स्थित दिघवारा से इन्टरनेशरल चेक पोस्ट रक्सौल तक सुगम आवागमन के उद्देश्य से नए पथ के निर्माण की अनुशंसा की गई है. इससे राष्ट्रीय जलमार्ग की रक्सौल चेक पोस्ट से सुलभ सम्पर्कता हो जाएगी.
6) सुल्तानगंज से देवघर नए फोर लेन पथ: सुल्तानगंज से देवघर वर्तमान में अवस्थित राज्य उच्च पथ से लगभग 5 किमी पूरब अगुआनी घाट नए पुल के सीधे मार्ग रेखन फोर लेन पथ की अनुशंसा की गई है. इससे बाबाधाम की सुल्तानगंज के रास्ते वीरपुर होते हुए काठमांडु तक जाने में मदद मिलेगी.
7) मशरख-मुजफ्फरपुर फोर लेन पथ: अयोध्या से सिवान के रास्ते मशरख होते हुए राम जानकी पथ का निर्माण किया जा रहा है. मशरख से मुजफ्फरपुर तक नए फोर लेन पथ के निर्माण की अनुशंसा की गई है. इसमें गंडक नदी पर तरैया के पास नए पुल का निर्माण प्रस्तावित होगा. इसके बन जाने से उत्तर बिहार के मध्यवर्ती हिस्सों में आवागमन में व्यापक सहूलियत होगी.
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