पटना: स्वर्ण भंडार के मामले में बिहार नंबर वन है. प्रदेश के जमुई जिले में देश का सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व है. लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान इस बात का खुलासा किया गया है कि बिहार में अकेले पूरे देश का 44 प्रतिशत सोना है. दरअसल, बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया सांसद संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने लोकसभा में ये प्रश्न किया था कि क्या देश में सर्वाधिक स्वर्ण अयस्क भंडार बिहार में हैं? अगर है तो उसका ब्यौरा क्या है? क्या सरकार ने पश्चिम चंपारण सहित बिहार के जिलों में स्वर्ण ब्लॉक का प्राथमिक सर्वेक्षण और अन्वेषण किया है? अगर हां तो उसका परिणाम और ब्यौरा क्या है? अगर नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?


केंद्रीय मंत्री ने दिया ये जवाब


इस पर केंद्रीय खान, कोयला एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि राष्ट्रीय खनिज सूची के अनुसार, देश में अप्रैल 2015 तक प्राथमिक स्वर्ण अयस्क का कुल 501.83 मिलियन टन संसाधन होने का अनुमान है, जिसमें 654.74 टन स्वर्ण धातु है और इसमें से बिहार 37.6 टन धातु युक्त अयस्क सहित 222.885 मिलियन टन स्वर्ण धातु (44 प्रतिशत) से संपन्न है. बिहार में स्वर्ण के इन संसाधनों को संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क वर्गीकरण (यूएनएफसी) कोड-333 (21.6 टन धातु युक्त 128.885 मिलियन टन) और यूएनएफसी कोड 334 (16 टन धातु युक्त 94 मिलियन टन) के तहत श्रेणीबद्ध किया गया है. बिहार में स्वर्ण अयस्क का संपूर्ण संसाधन जमुई जिले के सोनो क्षेत्र में स्थित है.


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उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों के दौरान, खान मंत्रालय के संबद्ध कार्यालय भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने यूएनएफसी के दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के कुछ हिस्सों में स्वर्ण के लिए जी4 स्तरीय 'आवीक्षण सर्वेक्षण' और बिहार के गया जिले में जी3 स्तरीय 'प्रारंभिक गवेषण' किया है. पश्चिमी चंपारण जिले में शिवालिक हिमालय की तलहटी में प्रवासक (प्लेसर) स्वर्ण के लिए जी4 स्तरीय गवेषण किया गया, लेकिन इस क्षेत्र में प्रवासक स्वर्ण की औसत सांद्रता कम (0.0061 पीपीएम से 1.96 पीपीएम) है और किसी भी संसाधन का अनुमान नहीं लगाया गया है.



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