पटना: बिहार के ग्रामीण इलाकों में लगभग 70 प्रतिशत लोग आज भी कृषि पर निर्भर हैं. किसान आम तौर पर धान, गेहूं, दलहन और तिलहन उपजाते हैं. वहीं, सब्जियों और फलों की खेती भी की जाती है. लेकिन बीते 10 सालों में किसानों ने एक्सपेरिमेंट करना शुरू कर दिया है. वहीं, सरकार भी किसानों की इस काम में मदद कर रही है. इसी का नतीजा है कि बिहार मशरूम उत्पादन में देश में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. 


मंत्री संजय झा ने ट्वीट कर दी जानकारी 


इस संबंध में बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता संजय झा ने ट्वीट कर जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, " बिहार मशरूम उत्पादन में देश में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. वर्ष 2020-21 में 21,325 टन मशरूम का उत्पादन हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में लागू तीन कृषि रोडमैप से राज्य में प्रमुख फसलों के अलावा दूध, अंडा, मछली आदि का उत्पादन पहले ही काफी बढ़ चुका है." 


 






बता दें कि राज्य में 2010 के बाद बड़ी तेजी से मशरूम का कारोबार बढ़ा है. इसका नतीजा है कि बिहार देश भर में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. अब मशरूम उत्पादन के मामले महाराष्ट्र और ओडिसा से बहुत के अंतर से बिहार पीछे रह गया है. 


पचास प्रतिशत अनुदान दे रही सरकार


मालूम हो कि बिहार सरकार ने मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी देने की शुरुआत की है. मशरूम की खेती के लिए बनाए गए योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा क्रेडिट लिंक्ड बैंक इंडेड आधारित 50% अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका लाभ किसान प्राप्त कर सकते हैं. मशरूम उत्पादन के लिए 20 लाख रुपए प्रति इकाई लागत पर 10 लाख रुपए सहायतानुदान दिया जा रहा है. ऐसे में किसान दूसरे फसलों को छोड़कर अब मशरूम की खेती की ओर बढ़ रहे हैं.


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