गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज के चनावे जेल में हत्या, लूट, अपहरण जैसे संगीन अपराध करनेवाले बंदियों के हाथों में अब रोजगार के हुनर होंगे. जेल से बाहर निकलने के बाद प्रशिक्षित बंदियों को कारोबार के लिए लोन भी मिलेगा. इसके लिए जेल में ही कृषि विभाग और आत्मा की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जेल प्रशासन के मुताबिक जेल में बंद कैदी न सिर्फ रोजगार के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं, बल्कि कारोबार भी करेंगे. इसके लिए जेल प्रशासन उन्हें मदद भी करेगा.


800 कैदी ले रहे प्रशिक्षण


गुरुवार को बातचीत में जेल अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि मंडल कारा के करीब 800 बंदी हैं, जिनका चयन किया गया है और 30 से 50 बंदियों की टीम बनाकर विभिन्न प्रकार के रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मछली पालन से लेकर बागवानी, सब्जी की उन्नत खेती से लेकर वृक्षों में रोग प्रबंधन समेत 16 प्रकार का प्रशिक्षण अलग-अलग बंदियों को दिया जाएगा.


बंदियों ने जताई थी इच्छा


बताया जाता है कि मंडल कारा में बंदियों ने प्रशिक्षण लेने की इच्छा जताई थी. इसके बाद परियोजना निदेशक 'आत्मा' के साथ बीते 30 जुलाई को जेल अधीक्षक की बैठक हुई. इसमें विभिन्न प्रकार के 16 कार्यक्रमों का चयन किया गया जिसके तहत बंदियों को प्रशिक्षिण दिया जा रहा है.


हुनर से मिलेगी नई जिंदगी


जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि जेल में बंदी हुनर सीख रहे हैं. प्रशिक्षण पाकर नई जिंदगी की शुरुआत कर सकेंगे. चनावे जेल में महिला बंदियों को अगरबत्ती निर्माण, स्वेटर बुनाई और बागवानी का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. अब अन्य बंदियों को रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि जेल से बाहर निकलने के बाद रोजगार कर सकें.


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