अररिया: बिहार के अररिया जिले के पॉक्सो विशेष न्यायालय के स्पेशल जज शशिकांत राय की अदालत का एक दिन में गवाही, बहस व सजा सुनाने का फैसला अब राष्ट्रीय रिकॉर्ड बन गया है. इस आदेश को बिहार सरकार के गृह विभाग के अभियोजन निदेशालय, पटना ने नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बताते हुए पत्र जारी किया है. इससे पहले मध्य प्रदेश का तीन दिनों में गवाही, बहस व फैसला सुनाने का रिकॉर्ड दर्ज था, जिसे बिहार ने तोड़ दिया है. 


जानें क्‍या है मामला


पॉक्सो एक्ट विशेष न्यायालय के स्पेशल जज शशिकांत राय की अदालत ने 15 दिसंबर, 2021 को एक ही दिन सुनवाई, गवाही व सजा का फैसला भी सुनाया था. कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र के एक सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में एक ही दिन में आरोप गठन, बयान दर्ज एवं आजीवन कारावास, जिसमें अंतिम सांस तक अभियुक्त राजकुमार यादव को जेल में रहने की सजा सुनाई थी. मामले में जांचकर्ता, पीड़िता, चिकित्सक, सहित कुल आठ गवाहों की गवाही व मेडिकल जांच रिपोर्ट, एफसीएल रिपोर्ट व बच्ची का कपड़ा व जब्ती सूची के प्रदर्श के साथ-साथ बहस के बाद पॉक्सो एक्ट के स्पेशल कोर्ट द्वारा एक ही दिन में फैसला दिया गया था. इससे पूर्व, इसी न्यायालय में दुष्कर्म के मामले में दिलीप यादव को भी इसी प्रकार की कार्यवाही में एक दिन में सजा सुनाई गई थी.


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मध्‍य प्रदेश में तीन दिनों कार्रवाई हुई थी पूरी


बता दें कि इस फैसले के बाद बिहार ने मध्य प्रदेश के पॉक्सो कोर्ट द्वारा तीन दिनों में दिए गए फैसले को त्वरित निष्पादन की दिशा में पीछे छोड़ दिया है. इस संबंध में जारी पत्र में मध्य प्रदेश के दतिया पॉक्सो एक्ट के स्पेशल कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले का उल्लेख किया गया है. वहां के एडीजे सह पॉक्सो एक्ट के स्पेशल कोर्ट ने 08.08.2018 को केस नम्बर- सीएनआर- एमपी-32010031562018 जो धरेत थाना कांड संख्या-47/2018 से संबंधित है के मामले में तीन दिनों मे ट्रायल पूरा किया था और मामले के आरोपित मोती लाल पुत्र भैया लाल अहिरवार को उम्र कैद की सजा मुकर्रर की थी. इस कारण यह मामला इंडिया बुक रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था. वहीं, मध्य प्रदेश अभियोजन निदेशालय के पोर्टल पर इंडिया बुक रिकॉर्ड सर्टिफिकेट को अपलोड किया गया है.


अररिया का मामला ऐतिहासिक


इधर, अररिया के स्पेशल कोर्ट द्वारा एक ही दिन में पॉक्सो एक्ट में आरोपी को अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाने का फैसला पॉक्सो एक्ट में सबसे कम समय में त्वरित फैसला सुनाने का पहला ऐतिहासिक मामला का उदाहरण बन गया है. इस मामले को बिहार सरकार के गृह विभाग के अभियोजन निदेशालय, पटना ने नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बताया है. बता दें कि इसी साल 22 सितंबर को कुर्साकांटा थाना क्षेत्र के एक गांव में स्थानीय 28 वर्षीय राज कुमार यादव नामक एक युवक ने सात वर्षीय बच्ची को दुकान ले जाने का झांसा देते उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म को अंजाम दिया था. इस मामले में पीड़िता के पिता ने सूचक बन कर उक्त दुष्कर्मी के खिलाफ अररिया महिला थाना में भादवि की धारा 376 (ए) (बी) तथा पोक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत कांड संख्या-124/21 दर्ज कराया था.


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