गोपालगंज: असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआईएमआईएम के प्रदेश सचिव अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया की गोली मारकर हत्या के मामले में पटना से कनेक्शन जुड़ गया है. पुलिस ने मृतक अब्दुल सलाम के बेटे अनस सलाम के बयान पर सात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी. इनमें से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. फरार चार अभियुक्तों की तलाश में गोपालगंज पुलिस की एसआईटी और एसटीएफ छापेमारी कर रही है. इस मामले में गोपालगंज के एसपी ने बुधवार (14 फरवरी) को जानकारी देते हुए खुलासा किया है.


एसपी स्वर्ण प्रभात ने प्रेस कांफ्रेंस कर हत्याकांड का खुलासा किया. कहा कि अपराधियों ने हत्या में इस्तेमाल की गई बाइक पटना के बेउर थाना क्षेत्र से चोरी की थी. शॉर्प शूटरों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद सीमावर्ती जिले की ओर फरार हो गए. एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि बाइक जहां से चोरी हुई है वहां से सीसीटीवी फुटेज को मंगाया जा रहा है. हत्या में पटना का कनेक्शन आने के बाद पुलिस एक-एक बिंदु पर जांच शुरू कर दी है.


गिरफ्तार किए गए तीनों अभियुक्त कौन हैं?


गिरफ्तार किए गए तीनों अभियुक्त नगर थाना क्षेत्र के तकिया याकूब गांव के रहने वाले फिरोज आलम, मोहम्मद अद्दू और मोहम्मद शकुर हैं. फरार अभियुक्तों में सदर प्रखंड के चौराव पंचायत के मुखिया परवेज आलम उर्फ छोटे मुखिया, मुखिया के भाई महताब आलम उर्फ लाल बाबू, फहिम उर्फ उद्दाम और आरिफ उर्फ सोना शामिल हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए टीम छापेमारी कर रही है.


बेटे ने क्या लगाया है आरोप?


मृतक अब्दुल सलाम के बेटे ने चौराव पंचायत के मुखिया समेत सात नामजद के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के गोपालगंज के बड़े नेताओं का हाथ होने की संभावना जताई है. बेटे अनस सलाम का कहना है कि उनके पिता अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया एआईएमआईएम के प्रदेश सचिव थे. गोपालगंज सीट से उन्होंने विधानसभा उपचुनाव लड़ा था. राजनीतिक साजिश के तहत हत्या की जा सकती है. एफआईआर में आरजेडी के नेताओं के नाम का जिक्र नहीं है.


वहीं हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर में सीवान के खान ब्रदर्स ग्रुप के अयूब और रईस खान के करीबी रिश्तेदारों का नाम आया है. कहा जा रहा है कि एफआईआर में नामजद अभियुक्त चौराव पंचायत के मुखिया परवेज आलम उर्फ छोटे, महताब आलम उर्फ लालबाबू, इनका बेटा आरिफ उर्फ सोना तीनों सीवान ग्रुप के करीबी रिश्तेदार हैं.


कैसे हुई थी अब्दुल सलाम की हत्या?


बता दें कि 12 फरवरी को बाइक सवार दो अपराधियों ने नगर थाना क्षेत्र के तकिया याकूब गांव के रहने वाले एआईएमआईएम के प्रदेश सचिव और मदरसा इस्लामिया के सचिव रहे अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया की तुरकहां पुल के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह लखनऊ जाने के लिए थावे जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने के लिए अमानुल हक उर्फ मुन्ना के साथ बाइक से निकले थे. रास्ते में रात के 12 फरवरी की रात 9.20 के आसपास बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.


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