(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gopalganj Flood: गोपालगंज में गंडक नदी का 'तांडव', बल्ला पाइलिंग के बावजूद जारी कटाव से भयभीत ग्रामीणों का पलायन शुरू
वाल्मीकि नगर बैराज से करीब 2,50,000 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है, जिसका असर गोपालगंज जिले में गंडक नदी में दिख रहा है. नदी उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
गोपालगंज: नेपाल में बारिश के कारण वाल्मीकि नगर बैराज पर दबाव बढ़ रहा है. बैराज से करीब 2,50,000 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है, जिसका असर बिहार के गोपालगंज जिले में गंडक नदी में दिख रहा है. यहां माझा प्रखंड के निमुनिया पंचायत में गंडक नदी का तांडव शुरू हो गया है. नदी उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. करीब 100 मीटर से ज्यादा कटाव हो चुका है. लाखों टन मिट्टी नदी में समा गई है. किसानों के कई एकड़ जमीन नदी में विलीन हो चुके हैं. पानी कभी भी गांवों में घुस सकता है. ऐसे में यहां बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए बल्ला पाइलिंग भी कारगार साबित नहीं हुई. बल्ला पाइलिंग लगाने के बावजूद कटाव जारी है. नदी किनारे बालू भरकर बोरियां (Geo bag) काफी कम संख्या में रखी हुई हैं, इसलिए भी कटाव नहीं रुक रहा है. इससे ग्रामीण भयभीत हैं. ग्रामीणों ने कहा कि कई एकड़ जमीन हम लोगों का पानी में बह गया. कभी भी बाढ़ आ सकता है. कई लोग गांव छोड़कर चले गए. कटाव तेजी से हो रहा है. इसको रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ठोस कदम नहीं उठाया गया है. जिला प्रशासन पर ग्रामीणों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया. कहा कि 100 मीटर तक कटाव हो गया. अब और तेजी से हो रहा है. हम लोग का घर नदी में समा जाएगा, लेकिन जिला प्रशासन को कोई मतलब नहीं है.
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सभी प्रखंडों में खोला गया बाढ़ आश्रय केंद्र
वहीं, गोपालगंज के उप विकास आयुक्त अभिषेक रंजन ने कहा कि माझा प्रखंड के निमुनिया पंचायत में गंडक नदी के किनारे कटाव रोकने के लिए तीन किलोमीटर तक बल्ला पाइलिंग किया गया है. कटाव की तीव्रता अधिक है, इसलिए जीओ बैग का पॉजिशन अपनी जगह से अलग हो गया है. कार्यपालक अभियंता से बात किया हूं. उसको ठीक किया जा रहा है. बल्ला पाइलिंग झड़ अगर रहा है तो उसको भी ठीक किया जाएगा. गोपालगंज में छह प्रखंड बाढ़ प्रभावित है. इन सभी प्रखंडों में बाढ़ आश्रय केंद्र खोला गया है, जहां बाढ़ पीड़ितों को रखा जाएगा.
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