Gopalganj News: शादी से इनकार किया तो हैवानियत पर उतर आया 'आशिक', मामला जान आप भी कहेंगे- प्यार में कोई ऐसा भी करता है क्या?
Bihar News: गोपालगंज की तेजाब हमले की पीड़िता आखिरकार जिंदगी से जंग हार गई, सिरफिरे आशिक ने उसके ऊपर तेजाब से हमला कर दिया था. गोरखपुर के अस्पताल में 35 दिनों से उसका इलाज चल रहा था.
गोपालगंज: बिहार में एक सिरफिरे आशिक ने शादी से इंकार करने पर प्रेमिका पर रात दो बजे तेजाब से हमला कर दिया. उसके साथ उसके दोस्त भी थे. इसके बाद फरार हो गए. चेहरे पर तेजाब पड़ते ही युवती चिल्लाने लगी. घर के लोग जब वहां पहुंचे तो युवती तड़प रही थी. उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया था, आनन-फानन में घर वालों ने उसे सदर अस्पतल में भर्ती कराया, वहां से उसे गोरखपुर रेफर कर दिया गया, जहां वह 35 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझती रहीं, लेकिन आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गईं.
घटना गोपालगंज जिले के फुलवरिया थाना क्षेत्र के कररिया ठकुराई गांव की है. सात मई को रात दो बजे सिरफिरे आशिक ने दोस्तों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया. आरोपित युवक कृष्णा कुमार मीरगंज का रहने वाला है. कररिया ठकुराई गांव में कृष्णा की बहन की शादी हुई है. वहीं पर पास में युवती का घर है. कृष्णा अपनी बहन के घर अक्सर आता था, इसी बीच युवती के साथ उसकी नजदीकियां बढ़ीं. इसके बाद कृष्णा और युवती के बीच फोन पर बातचीत होने लगी, लेकिन इसी बीच युवती की शादी तय हो गई. इसी बात से कृष्णा नाराज था, वह शादी नहीं करने के लिए दबाव बना रहा था, लेकिन काजल ने उसकी बात नहीं मानी. सात मई को जैसे ही युवती की सगाई हुई, कृष्णा ने तेजाब से हमला कर दिया.
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नौ जून को होनी थी शादी
सात तारीख को सगाई के बाद बीते नौ जून को शादी की तारीख तय की गई थी, घर पर व्यापक तैयारियां चल रही थी, लेकिन इस बीच सिरफिरे आशिक ने खौफनाक कदम उठा लिया. पुलिस ने युवती का बयान दर्ज कर लिया है. साथ ही आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया है. एसपी आनंद कुमार ने कहा कि इस मामले में धारा 302 के तहत केस दर्ज किया जायेगा और जल्द से जल्द चार्जशीट सौंपते हुए स्पीडी ट्रॉयल चलाकर सजा दिलायी जायेगी.
पैसे के अभाव में नहीं हो सका इलाज
परिवार वालों ने बताया कि घटना के बाद उनलोगों ने सदर अस्पताल में सबसे पहले काजल को भर्ती कराया, यहां पर प्राथमिक उपचार के बाद गोरखपुर रेफर कर दिया गया. गोरखपुर में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पांच दिन के बाद पीजीआइ लखनऊ रेफर कर दिया. लेकिन परिजनों के पास इलाज कराने तक के लिए पैसे नहीं थे. पहले ही उनलोगों ने 35 दिनों में लोगों से कर्ज और चंदा मांगकर चार लाख रुपये तक खर्च किसी तरह जुटाए थे, उसके बाद पैसा खत्म हो गया. इसके बाद परिजन रविवार को युवती को लेकर घर चले आए, जहां सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई.
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