गोपालगंज: बिहार में स्वास्थ्य विभाग सिर्फ एक कॉल पर एंबुलेंस मिलने का दावा भले ही करती हो, लेकिन मंगलवार को इसकी हकीकत सामने आ गई. प्रसूता के परिजन सरकारी एंबुलेंस के लिए फोन पर फोन मिलाते रहे, पर उनको सुविधा नहीं मिली. दर्द से छटपटा रही प्रसूता को आनन-फानन में सदर अस्पताल लाया गया, जहां रास्ते में ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया. हद तो तब हो गई जब अस्पताल परिसर में पहुंचने के बाद जच्चा-बच्चा की मदद के लिए स्वास्थ्यकर्मी तक नहीं पहुंचे. परिजनों ने किसी तरह प्रसूता को अस्पताल में बेड तक पहुंचाया.


मामला मांझा प्रखंड के मिश्रवलिया गांव का है. बताया जा रहा है कि विजय शर्मा की पत्नी जयमाला देवी को प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोगों ने 102 और 108 दोनों नंबरों पर फोन किया. इसके एक घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. इसके बाद परिजन ने एक ई-रिक्शा लेकर आए और महिला को लेकर सदर अस्पताल भागे. ई-रिक्शा से सदर अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही अचानक ब्रेक लिया. इससे रिक्शा जंप कर गया और जयमाला देवी ने ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया.


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दोनों का इलाज जारी, हालत खतरे से बाहर


परिजनों का कहना है कि 102 और 108 पर फोन करने पर भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. गर्भवती महिला की हालत बिगड़ती जा रही थी. उसे ई-रिक्शा से सदर अस्पताल में ले जाने के लिए घर से निकले, पर अस्पताल पहुंचते ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया. किसी तरह मां और बच्चे का सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया. उन दोनों का इलाज जारी है और हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.


एम्बुलेंस नहीं मिलने की यह कोई पहली घटना नहीं


वहीं, इस मामले में जब अस्पताल प्रबंधक सिद्धार्थ कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी. किस परिस्थिति में गर्भवती को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली. गौरतलब है कि मरीज को एंबुलेंस नहीं मिलने की यह कोई पहली घटना नहीं हैं. आए दिन अस्पताल परिसर में मरीज के परिजन एंबुलेंस के लिए भटकते रहते हैं, पर अस्पताल प्रबंधक हर बार जांच की बात कह मामले को टाल देता है.


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