गोपालगंज: एसीजेएम एके मानवेंद्र मिश्र की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने खनन और भूतत्व विभाग के पूर्व मंत्री जनक राम और तारकेश्वर नाथ शर्मा को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में दोषी पाते हुए 1100 रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई है. इस दौरान जनक राम ने माफी मांगते हुए कहा कि हुजूर पहला अपराध है, माफ कर दीजिए. उन्होंने कोर्ट से कहा कि भविष्य में इस तरह की आपराधिक गतिविधि में कभी शामिल नहीं होंगे. हमेशा विधि द्वारा स्थापित कानून का पालन करेंगे और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे. उन्होंने कहा कि शांति पूर्वक विचार करते हुए माफ कर दिया जाए. 


पहला अपराध का मामला माफ कर दीजिए


जनक राम ने कोर्ट में माफी मांगते हुए कहा कि ये मेरे लिए अपराध का पहला मामला है, माफ कर दीजिए. कोर्ट ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है. अगर आपने खुलेआम ऐसा किया है तो उसकी सजा तो दी जाएगी. पूर्व मंत्री जनक राम ने कोर्ट से कहा कि भविष्य में इस तरह की आपराधिक गतिविधि में कभी शामिल नहीं होंगे. एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे. कोर्ट से उन्होंने माफी मांगी. अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त जनक रामपुर में सांसद और बिहार सरकार के मंत्री रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है.


कुल 1100 रुपये का जुर्माना


कहा कि उन्होंने लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य का जानबूझकर उल्लंघन किया है,  इन्हें सजा दी जाए. जनक राम और तारकेश्वर नाथ शर्मा ने अपना अपराध भी स्वीकार किया है. कोर्ट ने भी ये माना कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. संविधान के अनुच्छेद 14 में विधि के समक्ष समानता और कानून से ऊपर कुछ नहीं है. दोनों नेताओं को भारतीय दंड संहिता की धारा 118 में एक हजार रुपये का अर्थदंड और लाउडस्पीकर एक्ट की धारा 9 में एक एक सौ का अर्थदंड की सजा दी गई है.


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