गोपालगंज: जिले के मंडल कारा में 16 फरवरी को छापेमारी की गई थी. इस दौरान जेल में बंद कैदी ने मोबाइल फोन ही निगल लिया था, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई थी. अब उसके पेट से फोन को बाहर निकाल दिया गया है. काफी मशक्कत के बाद फोन को बाहर निकाला गया है. बता दें कि आईजीआईएमएस (IGIMS) के डॉक्टरों ने बिना सर्जरी किए बिना गुरुवार को एंडोस्कोपी तकनीक से बाहर निकाला. वहीं, अभी कैदी की हालत ठीक है.
कैदी ने मोबाइल को निगल लिया था.
कुछ दिन पहले गोपालगंज जेल में छापेमारी की गई थी. 27 वर्षीय कैसर अली गोपालगंज के चनावे मंडल कारा में बंद था. चेकिंग के दौरान उसने मोबाइल को निगल लिया था. कैदी की हालत खराब होने पर गोपालगंज से पीएमसीएच लाया गया. इसके बाद आईजीआईएमएस रेफर कर दिया गया. गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ आशीष कुमार झा ने एक्स रे कराया, तो पेट में मोबाइल दिखा, जिसके बाद एंडोस्कोपी करने का निर्णय लिया गया.
'देरी होने पर मरीज की जान जा सकती थी'
डॉ. आशीष झा ने बताया कि जेल प्रशासन की मदद से समय पर कैदी को अस्पताल लाया गया था. लेट होने के बाद मरीज की जान को भी खतरा हो सकता था. मोबाइल की बैटरी लीक होती, तो उसका एसिड और लिथियम पेट में फैल जाता, इससे वह पेट को पूरी तरह से जला देता. पेट में छेद हो जाता और मरीज की हालत गंभीर हो जाता. डॉक्टर ने बताया कि करीब 45 मिनट तक एंडोस्कोपी की गई. मोबाइल फोन बाहर निकालते ही मरीज ने राहत की सांस ली. मरीज अभी खाना-पीना खा रहा है. वहीं, आईजीआईएमएस के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि मोबाइल खाने की थैली में जाकर फंसा हुआ था, जिसे सफलतापूर्ण बाहर निकाल लिया गया है.
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